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कलम

अमर कुमार

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ये कलम तू है कितना महान तेरे नीचे झुकता सारा संसार तू ही करती सब पर उपकार जिसके पास हो तेरी ताक्कत उसको भला हराये कौन ये कलम तू है कितना महान तुना देखे कोई जात - पात तूझ से करते है सभी प्यार जिंका हो ऊँचा विश्वास उनका करती तू हरदम कल्याण ये कलम तू है कितना महान तेरे वार से बचा नहीं कोई जब - जब बन कर गिरी बिजली करती तू सब का सिरताज तू है सरस्वती की वरदान ये कलम तू है कितना महान तूने सब को राह दिखाया सरे संसार को साक्षर बनाया तूने बनाया सब को महान तेरी ही गुण गाता है संसार तुझको कोई न करे बहिष्कार ये कलम तू है कितना महान  

kalam

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