मेरे जीवन की अब तो बस, तुम ही अभिलाषा हो।
मेरी आँखों मे सजने वाला, तुम ही हर ख़्वाब हो।।
सब कुछ छूट गया मुझसे, लेकिन अब तेरा साथ हो।
द्वन्द चले जो दिल दिमाग में, तुमसे युद्ध विराम हो।।
मेरे जीवन की अब तो बस, तुम ही अभिलाषा हो।
मेरी आँखों मे सजने वाला, तुम ही हर ख़्वाब हो।।
तुम क्या जानो मैंने कैसे, जीवन को तेरे सजाया है।
सुध खोकर मैंने ख़ुद की, तेरा दर्द गले लगाया है।।
सार्थक करना है यह जीवन, सारथी तुम्हें बनाया है।
अब जीवन ये सुन्दर होगा, जो मार्ग नया दिखाया है।।
मेरे जीवन की अब तो बस, तुम ही अभिलाषा हो।
मेरी आँखों मे सजने वाला, तुम ही हर ख़्वाब हो।।
तुम बिन पूर्ण नहीं जीवन, बिन तेरे सदा अधूरा है।
संग तुम्हारे मिलेगी मंज़िल, मुझको यक़ीन ये पूरा है।।
मत समझो इसको कोरा कागज़, रंग भरा कैनवास है।
"कल्पना नहीं यह मेरी, जीवन का आधार है।।"