आओ मेरे दिल में आकर तुम
भी कुछ कह दो ना
तुम्हें चाहेंगे हम।
मोहब्बत तुम्ही हो
ज़रुरत तुम्ही हो,
मेरी जां ज़िन्दगी का
मुक़द्दर तुम्हीं हो।
देखूं जिसे मैं
ख्वाबों में अपनी
उन्हीं ख़्वाबों की
हक़ीक़त तुम्ही हो।
आओ मेरे दिल में आकर तुम
भी कुछ कह दो ना
तुम्हें चाहेंगे हम।
बीती जो भी रातें
तेरी ही होती बातें
मेरी उलझनों की
राहत तुम्हीं हो।
दुनियां के रंग के
मेरी ज़िंदगी के
तनहा सफ़र का
तुम्हीं हमसफ़र हो।
आओ मेरे दिल में आकर
तुम भी कुछ कह दो ना
तुम्हें चाहेंगे हम।