कैसे भूले ये दिल तेरी हर बात को,
प्यार को वो तेरे प्यारे जज़्बात को।
तुम ये जानोंगे भी कैसे मेरी बात को,
कितना तरसता है दिल तेरे प्यार को।
मेरी चाहत थे तुम, दिल की राहत थे तुम,
मेरी दुनियां थी तुमसे, और बहारें भी तुम।
तेरे बिन कुछ नहीं और मेरी खुशियां नहीं,
हर नज़र बेअसर मेरी,आते नज़र क्यों नहीं।
कैसे भूले ये दिल तेरी हर बात को,
प्यार को वो तेरे प्यारे जज़्बात को।
तुम ये जानोंगे भी कैसे मेरी बात को,
कितना तरसता है दिल तेरे प्यार को।
बिन तुम्हारे कटेंगी,कैसे ये घड़ियां मेरी,
दिल की धड़कन थे तुम और साँसे मेरी।
मुझे उम्मीद ही नहीं थी कभी ऐसा होगा।
तेरे बिन अब मुझे ज़िन्दगी में जीना होगा।
कैसे भूले ये दिल तेरी हर बात को,
प्यार को वो तेरे प्यारे जज़्बात को।
तुम ये जानोंगे भी कैसे मेरी बात को,
कितना तरसता है दिल तेरे प्यार को।