क्या बीत रही है इस दिल पे,
तुम जान के क्या कर पाओगी।
हर शाम है आती तेरी यादें,
पर तुम तो ना आ पाओगी।
यूँ जान तुम्हारी मजबूरी
तुमको भी चुभती रहती है।
बिन बादल बरसात तुम्हारी
आँखों से होती रहती है।
क्या बीत रही है इस दिल पे,
तुम जान के क्या कर पाओगी।
हर शाम है आती तेरी यादें,
पर तुम तो ना आ पाओगी।
कब मिट पाएगी ये दूरी
कब पास मेरे तुम आ जाओगी।
अब तन्हाई है बाहों में मेरी
मेरी चाहत तुम कब आओगी।