एकतरफ़ा प्यार करने की सजा पा रहें हैं।
हम घुट घुट कर जिये जा रहें हैं।
किया जिसकी ख़ातिर मोहब्बत जहाँ में।
मग़र अब नहीं है वो मेरी ज़िंदगी में।
हम जी करके भी मरने की सज़ा पा रहे हैं।
हम घुट घुट कर जिये जा रहें हैं।
एकतरफ़ा प्यार करने की सजा पा रहें हैं।
हम घुट घुट कर जिये जा रहें हैं।
भुला ना सकेगी वो मुझे ज़िन्दगी में।
याद करेगी तन्हा और महफ़िल में।
हम उसके लिए जिंदगी से चले जा रहे हैं।
हम घुट घुट कर जिये जा रहें हैं।
एकतरफ़ा प्यार करने की सजा पा रहें हैं।
हम घुट घुट कर जिये जा रहें हैं।