shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

आशानुभूति का उदय

Durga Prasad Singh (Durga Krishna)

23 अध्याय
5 लोगों ने लाइब्रेरी में जोड़ा
10 पाठक
निःशुल्क

आशानुभूति का उदय नामक प्रस्तुत किताब हिंदी साहित्य के रूप में एक ऐसा काव्य संग्रह है जिसमें हर वर्ग के व्यक्तियों के मनोरंजन के साथ मार्गदर्शन करने वाली रचनाओं को संकलित किया गया है। 

aashanubhuti ka uday

0.0(1)


बेहद खूबसूरत

पुस्तक के भाग

1

मेरे जीवन की अभिलाषा तुम हो।

20 जनवरी 2022
3
3
1

मेरे जीवन की अब तो बस, तुम ही अभिलाषा हो। मेरी आँखों मे सजने वाला, तुम ही हर ख़्वाब हो।। सब कुछ छूट गया मुझसे, लेकिन अब तेरा साथ हो। द्वन्द चले जो दिल दिमाग में, तुमसे युद्ध विराम हो।। मेरे जीवन

2

प्रेम का गीत

20 जनवरी 2022
2
2
1

प्रिय मिलकर तुमसे ही प्रेम का गीत मैं लिखने लगा, आसमाँ से चाहत की बारिश की उम्मीद करने लगा। जिधर भी देखता हूँ, इक नया नज़ारा है, समझ में ना आये कि ये क्या माज़रा है। है चाहत ही दुनिया की दौलत निरा

3

कोई ना जाने इस दुनिया में

20 जनवरी 2022
2
2
0

कोई ना जाने इस दुनिया में कौन कहाँ तक जायेगा। क्या लेकर के आया था तू क्या लेकर के जायेगा। नाम सुमिर ले उसका तू भी ज़िन्दगी में। इतना दिया है उसने तुझे ज़िन्दगी में। काम ना आयेगी ये माया की तिज़ोर

4

कैसे भूले ये दिल

20 जनवरी 2022
2
2
0

कैसे भूले ये दिल तेरी हर बात को, प्यार को वो तेरे प्यारे जज़्बात को। तुम ये जानोंगे भी कैसे मेरी बात को, कितना तरसता है दिल तेरे प्यार को। मेरी चाहत थे तुम, दिल की राहत थे तुम, मेरी दुनियां थी त

5

तुमको चाहा है तुम्हें चाहेंगे।

20 जनवरी 2022
3
2
2

तुमको चाहा है तुम्हें चाहेंगे ये वादा है मेरा। दिल की धड़कन बनाऊँ तुमको इरादा है मेरा। मैंने ये तय भी कर लिया है तुम्हे पाने का। अब तो डर भी नही है मुझको इस जमाने का। तुमको भी जाना होगा इस पर भरो

6

जब से देखा था इन आँखों ने

21 जनवरी 2022
1
2
0

जब से देखा था इन आँखों ने तेरा चाँद सा चेहरा। दिल से धड़कन तक रहता है तेरे प्यार का पहरा।। जब से देखा था ...... हो शाम सुबह या रात कोई, महफ़िल में चलती हो बात कोई। तेरा नाम निकल ही जाता है, कोई

7

वो मेरा इंतज़ार करती है

21 जनवरी 2022
1
2
0

वो मेरा इंतज़ार करती है, चांदनी रातों में, दिन के उजालों में, ख़्वाबों ख्यालों में  वो बेकरार रहती है, वो मेरा इंतज़ार करती है। रात जो आये तारों भरी ये, जिक्र करे उसका ही दिल ये आंखें भी बिन भी

8

तुम्हें चाहेंगे हम

21 जनवरी 2022
1
2
0

आओ मेरे दिल में आकर तुम  भी कुछ कह दो ना तुम्हें चाहेंगे हम। मोहब्बत तुम्ही हो ज़रुरत तुम्ही हो, मेरी जां ज़िन्दगी का मुक़द्दर तुम्हीं हो। देखूं जिसे मैं  ख्वाबों में अपनी उन्हीं ख़्वाबों की 

9

बन जा तू हमसफ़र

21 जनवरी 2022
1
2
0

मेरी ज़िंदगी का बन जा तू   हमसफ़र  ओ सनम। साथ निभाएंगे, हम तुम मिल के हर जनम ओ सनम। गुजरते नहीं हैं, ये दिन ज़िन्दगी के, मोहब्बत के बिन  ओ सनम।  फिसलते हुए  इन लम्हों को आकर थाम लो ना सनम

10

बारिश में

21 जनवरी 2022
1
2
0

बारिश में भीगे तन तेरा, मन में हलचल हो। बाहों में मेरी अब जाना, बस तेरा दामन हो। बारिश में भीगे तन तेरा, मन में हलचल हो। संभाला तो है मैंने दिल को ये अपने, मगर अब इसे मैं संभालू तो कैसे। बिछ

11

तू चाहे ना चाहे मुझको

21 जनवरी 2022
1
2
0

तू चाहे ना चाहे मुझको,  हम तो सनम तुम्हें चाहेंगे। दूर तलक हों या हो संगम -2 हम तुझको ही मानेंगे।। तू चाहे ना चाहे मुझको। हम तो सनम तुम्हें चाहेंगे। मेरे मन के घर आंगन में,  ये कैसा फूल खिलाय

12

कोई रास्ता दिखा दे

21 जनवरी 2022
1
2
0

कोई रास्ता दिखा दे, कोई वास्ता बना दे। मेरी जिंदगी को मुझसे मिला दे। ऐ ख़ुदा, ऐ खुदा, ऐ ख़ुदा। ऐ खुदा। कोई रास्ता दिखा दे, कोई वास्ता बना दे। ज़िन्दगी भी बच जायेगी, बिखरने से पहले। दर्द भी ये मि

13

एक तरफ़ा प्यार

21 जनवरी 2022
1
2
0

एकतरफ़ा प्यार करने की सजा पा रहें हैं। हम घुट घुट कर जिये जा रहें हैं। किया जिसकी ख़ातिर मोहब्बत जहाँ में। मग़र अब नहीं है वो मेरी ज़िंदगी में। हम जी करके भी मरने की सज़ा पा रहे हैं। हम घुट घुट कर

14

क्या बीत रही है इस दिल पे

21 जनवरी 2022
2
2
0

क्या बीत रही है इस दिल पे, तुम जान के क्या कर पाओगी। हर शाम है आती तेरी यादें, पर तुम तो ना आ पाओगी। यूँ जान तुम्हारी मजबूरी  तुमको भी चुभती रहती है। बिन बादल बरसात तुम्हारी  आँखों से होती

15

मैं बेवफ़ा नहीं

21 जनवरी 2022
2
2
0

मैं बेवफ़ा नहीं  बेवफ़ा सिर्फ तू। छोड़ा नहीं था मैंने, छोड़ने वाली तू। मैं बेवफ़ा नहीं  बेवफ़ा सिर्फ तू। कितनी ख़ुशी दी तुझे, चैन ख़ुद का खो करके। तूने ख़ुद ना समझा मुझे, चली गयी छोड़ करके। मैं

16

ज़िन्दगी के सफ़र में

21 जनवरी 2022
1
2
0

जिंदगी के सफ़र में, कौन कहाँ तक साथ चलेगा। ये तो क़िस्मत के हांथों में है, कौन कितना चलेगा। वक्त के आगे नहीं किसी की, कभी यहां चल पाई है। जिसने भी किया यहां पर गुरुर, उसने ठोकर खाई है। क्यों करत

17

तेरा हर दर्द लेकर

21 जनवरी 2022
1
2
0

तेरा हर दर्द लेकर तुझे चाहत मैं दे दूंगा। नहीं दुनियां की तलब मुझको, तेरी बाहों में रह लूँगा। तेरी आँखों का हर सपना मुझे अब सच ही करना है। तेरा कोई साथ दे ना दे मुझे तो अब साथ रहना है। तेरा

18

तनहा ये दिल

21 जनवरी 2022
1
2
0

तनहा ये दिल बेकरार है चाहत में मेरे यार। लेना पड़े ना दूजा जनम आकर ले मुझसे प्यार।। कब तक रहूँ मैं भला तुझसे जुदा, तू बन गई है सनम मेरा ख़ुदा। चाहत में तेरी ख़ुद को मैं भूल जाऊँगा, धड़कन ये होगी कै

19

तेरी चाहत में

21 जनवरी 2022
1
2
0

तेरी चाहत में सनम हम, ज़िन्दगी गुज़ारेंगे। तेरे इस दिल को हम, छोड़कर कहाँ जायेंगे। मेरे वादों में सनम तुम कमी ना पाओगी। दूर जाओगी मगर तुम भुला ना पाओगी। तेरी बातों को सनम हम भूल नहीं पायेंगे। ते

20

तुमने चाहा है

12 फरवरी 2022
1
2
0

तुमने चाहा है मैं भी चाहूँगी ये वादा है मेरा। हर घड़ी साथ निभाऊंगी ये भी वादा है मेरा। तुमने चाहा है मैं भी चाहूँगी ये वादा है मेरा। जो भी वादा किया था मुझसे वो निभाया है, सारी दुनियां का प्यार

21

फिर लौट के आजा मेरी माँ

12 फरवरी 2022
1
2
0

फिर लौट के आजा मेरी माँ, अब दिल ना कभी दुखाऊंगा। सच्ची चाहत दिल में भर कर के, तुम पर चाहत बरसाऊंगा। जो कर्ज मिला इन साँसों का, तेरा नाम कभी ना बिसराऊंगा अपनी रचना में लिख करके, तेरा नाम अमर कर जा

22

कितनी शिद्दत से चाहा था।

3 मार्च 2022
3
3
1

कितनी शिद्दत से चाहा था, दोनों ने इक दूजे को। साथ निभाया जनमों जनम का, दूर हुए ना इक पल को। जीवन की हर राहें देखीं,  चलते रहे संग साथी के। साथ रहे दोनों यूँ हर पल, दिया संग जैसे बाती के

23

भूल सकती नहीं वो मुझको ज़िन्दगी में कभी,

30 अप्रैल 2022
1
1
0

भूल सकती नहीं वो मुझको ज़िन्दगी में कभी,  इतनी शिद्दत से उसको मैंने चाहत दी है। भूल सकती नहीं वो  मैंने तो दे दिया है अपनी धड़कन उसके दिल को, भूल कर जायेगी कहाँ पर वो आख़िर मुझको। उसके दिल से ना

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए