भूल सकती नहीं वो मुझको ज़िन्दगी में कभी,
इतनी शिद्दत से उसको मैंने चाहत दी है।
भूल सकती नहीं वो
मैंने तो दे दिया है अपनी धड़कन उसके दिल को,
भूल कर जायेगी कहाँ पर वो आख़िर मुझको।
उसके दिल से ना होगी रुख़सत मोहब्बत ये कभी,
मैंने इस सारे जहां की उसके दिल को राहत दी है।
भूल सकती नहीं वो मुझको ज़िन्दगी में कभी,
इतनी शिद्दत से उसको मैंने चाहत दी है।
भूल सकती नहीं वो
उसने सोचा था कभी ख़्वाबों ख्यालों में जोअपने,
पूरे किए हैं खुदा ने इस जहां में उसके हर सपने।
भूल कर भी वो भुला ना पायेगी इस मोहब्बत को,
मैंने हर अंदाज़ में उसके दिल में चाहत भर दी है।
भूल सकती नहीं वो मुझको ज़िन्दगी में कभी,
इतनी शिद्दत से उसको मैंने चाहत दी है।
भूल सकती नहीं वो