भूल सकती नहीं वो मुझको ज़िन्दगी में कभी,
इतनी शिद्दत से उसको मैंने चाहत दी है।
भूल सकती नहीं वो
मैंने तो दे दिया है अपनी धड़कन उसके दिल को,
भूल कर जायेगी कहाँ पर वो आख़िर मुझको।
उसके दिल से ना होगी रुख़सत मोहब्बत ये कभी,
मैंने इस सारे जहां की उसके दिल को राहत दी है।
भूल सकती नहीं वो मुझको ज़िन्दगी में कभी,
इतनी शिद्दत से उसको मैंने चाहत दी है।
भूल सकती नहीं वो
उसने सोचा था कभी ख़्वाबों ख्यालों में जोअपने,
पूरे किए हैं खुदा ने इस जहां में उसके हर सपने।
भूल कर भी वो भुला ना पायेगी इस मोहब्बत को,
मैंने हर अंदाज़ में उसके दिल में चाहत भर दी है।
भूल सकती नहीं वो मुझको ज़िन्दगी में कभी,
इतनी शिद्दत से उसको मैंने चाहत दी है।
भूल सकती नहीं वो
Durga Prasad Singh (Durga Krishna) की अन्य किताबें
जीवन परिचय - हिंदी सिनेमा में बतौर फ़िल्म/गीतकार काम कर रहें हैं दुर्गा प्रसाद सिंह ( दुर्गा कृष्णा ) का जन्म 2 नवम्बर 1985 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में हुआ था जिसे वीरता, कला, संस्कृति, आध्यत्मिकता और हिन्दी साहित्य में अमूल्य योगदान के लिए जाना जाता है। इन्हें कला व सांस्कृतिक सम्मान - 2021 से भी सम्मानित किया गया। इनके प्रपितामह स्व. बजरंग सिंग व पितामह स्व. भारत सिंह लम्बरदार थे, इनके पिता स्व. उदय वीर सिंह एडवोकेट ने भारत सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों को शुशोभित करते हुए कई अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस व सेमिनार में अपने देश का प्रतिनिधित्व भी किया। इनकी माता स्व.आशा सिंह ( मैनेजिंग डायरेक्टर ) ने सभी उत्तरदायित्व बड़ी कुशलता से निभाया।
दुर्गा कृष्णा ने कानपुर विश्वविद्यालय से स्नातक और लखनऊ विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की डिग्री प्राप्त की। LLB के बाद लखनऊ में PCS (J) की कोचिंग की। अपने पिता के साथ विधि व्यवसाय में बतौर सहायक के रूप में रहकर 10 वर्षो तक कई गवर्नमेंट कारपोरेशन जिसमें IOC, UPSIDA प्रमुख हैं। CIAC, ICA अधिकरण न्यायाधीश (आर्बिट्रेटर), पी.वी.ए.जुगलर हॉक इंडस्ट्रीज प्रा.लि. JS इंडस्ट्रीज। बाद में इन्होंने नई दिल्ली में फर्स्ट नेशनल कॉन्फ्रेंस ODRM में प्रतिभाग किया। पर्यावरण और जीवों के संरक्षण हेतु कई संस्थाओं के साथ काम किया जिसमें इंग्लैंड की BHA UK, मेनका गांधी की PFA, SAWEP प्रमुख है। NIAW (हरियाणा) से ट्रेनिंग की। इनकी माता का स्वर्गवास 22 मार्च 2021 को और पिता का स्वर्गवास 25 अगस्त 2021 हो गया। गीत, संगीत और लेखन का गुण ईश्वरीय वरदान स्वरूप इन्हें प्राप्त हुआ। इन्होंने एक हिंदी फीचर फिल्म में बतौर सहनिर्माता काम किया। अंशी फिल्म्स व फ़ेमस म्यूजिक एंड इंटरटेनमेंट में बतौर सह निर्माता, गीतकार काम कर रहें हैं। दुर्गा कृष्णा की रचनाओं में दुनिया का हर रंग देखने को मिलता है। इनकी रचनाओं में इनके अनुभवों की झलक मिलती है।D