एक जंगल में एक शेर सो रहा था। अचानक एक चूहा शेर को सोता देखकर उसके ऊपर आकर खेलने लगा। जिसके कारण उछलकूद से शेर की नींद खुल गयी और उसने उस चूहे को पकड़ लिया। चूहा डर से कांपने लगा और शेर से बोला- हे राजन! हमें माफ़ कर दो। जब कभी आपके ऊपर कोई दुःख आएगा तो मैं आपकी सहायता कर दूंगा। तो शेर हंसते हुए बोला- मैं सबसे अधिक शक्तिशाली हूं, मुझे किसी की सहायता की क्या जरूरत, यह कहते हुए उसने चूहे को छोड़ दिया।
कुछ दिनों बाद वही शेर शिकारी द्वारा फैलाये गये जाल में फंस गया और फिर खूब जोर लगाया लेकिन वह जाल से छुटने की अपेक्षा और अधिक फंसता चला गया। यह सब देखकर पास में ही उस चूहे की नजर शेर पर पड़ी तो उसने शेर की सहायता वाली बात याद दिलाकर अपने नुकीले दांतों से जाल काट दिया और फिर शेर जाल से आजाद हो गया। इस प्रकार चूहे ने अपने जान की कीमत शेर की जान को बचाकर पूरा किया।
शिक्षा:-
कभी किसी को छोटा समझकर उसकी शक्ति नहीं आंकनी चाहिए क्यूंकी मुसीबत में किसी की भी सहायता की जरूरत पड़ सकती है।
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