24 फरवरी 2016
<p>सऊदी जैसे देशों में चोरी करने के अपराध में हाथ काट दिए जाते हैं, इसी तरह अन्य अपराधों की भी सख्त सजा होती है । लचर कानून व्यवस्था के चलते राजनीति तो चलती रह सकती है लेकिन देश घुटनों चलने लगेगा । सीमा पर तो देश के दुश्मन सामने दिखाई देते हैं लेकिन देश में बैठकर कुचक्र रचने वाले आसानी से दिखाई भी नहीं देते । ऐसे लोग जब पकड़ में आ भी जाते हैं तो लचर कानून उन्हें सख्त सजा देने के बजाए, उन्हीं की हिफाज़त करता नज़र आता है । रक्षा विशेषज्ञ भी हमेशा आगाह करते आए हैं कि अब सख्ती से ही निपटना होगा । </p>
26 फरवरी 2016
अलोक जी , आशीष जी, अमितेश जी व् धनी महाराज मेरे प्रश्न को महत्व देने के व् अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए धन्यवाद!
26 फरवरी 2016
मेरे अनुसार उन सभी को रेस्टिकेट कर देना चाहिए और उसके बाद उन्हें पाकिस्तान भेज देना चाहिए |
25 फरवरी 2016
भईया जी तुम लोग कहा से बातो को लाते हो मुझे तो समझ में हे नही आता क्या बोलो लेकिन खालिद और उसके दोस्त को सजा देनी चाहिए वो भी कड़ी सजा।
25 फरवरी 2016
आशीष जी कठोर दंड अनिवार्य है परंतु किस प्रकार का अलोक जी के जैसा या कुछ और आप बताये
25 फरवरी 2016
<p>उन्हेंसविंधानकेतहतदेशविरोधीगतिविधिमैंशामिलहोनेकेलिएदंडमिलनाहीचाहिए ! ऐसानकरनाएकगलतसन्देशकोजन्मदेगाजिसकेजैसेपहलेहीफलफूलरहेहैं !</p> वो सभी कठोर दंड के हक़दार हैं !<br>
25 फरवरी 2016
<p>अलोक जी आपके द्वारा कहा गया प्रत्येक कथन आने वाले भविष्य को देखते हुये उपयुक्त है | हमारे देश में ऐसी ही किसी दंड का प्रावधान होना आवश्यक है जिससे अपराधियो में भय व्याप्त हो जाए | विश्व में ऐसे बहुत से देश है जहां देशद्रोह के लिए समाज के समक्छ दंड देने का प्रावधान है जो समाज के अन्य लोगो को एक सन्देश देता है कि लघु अपराधो के लिए क्षमा मिल सकती है परंतु देशद्रोह जैसे अपराध के लिए सिर्फ मत्युदंड | जैसे आपके द्वारा मुझे पता चला कि हरियाणा में जाट आंदोलन आड़ में किस प्रकार घ्रणित कार्य किये जा रहे है ऐसे में चिंतन करने का विषय है कि ऐसे लोगो को क्या कहा गए जो आपने ही देश के लोगों को अपने वर्ग के लाभ हेतु हानि पंहुचा रहे | स्पष्ठ है देश में अशांति जिस प्रकार फ़ैल रही है यह आने वाले भविष्य के लिए अच्छे संकेत नहीं है| </p>
25 फरवरी 2016
<h5 class="ques_head" style="color: rgb(153, 153, 153);"><p>युवराज जी मेरा मानना है कि जो उमर और उसके साथियो ने किया उस के मद्देनजर उनको बीच चौराहे पे लैप पोस्ट वे फांसी पे लटका देना चाहिए ये सबक होगा उन लोगो के लिए जो अपने ही देश में रह कर जड़े खोदते है।लेकिन हमारा सविधान इसे करने से रोकता है ।क्योंकि भारत का सविधान नेताओ के हिसाब से बनाया गया है जनता को सिर्फ वोट का अधिकार दिया गया।पी ऍम ,सी ऍम जनता द्वारा चुने जाते है लेकिन क्या एक आम आदमी उनसे मिल सकता है नही क्योंकि सविधान में जनता के पास कोई अधिकार नही है।</p><p>जाट आरक्षण इस समय जोरो पे है भोर की घटना है 50 लोग हाईवे1 पे कारो को रोकते है और आग लगा देते है जान बचा के सब लोग भागते है 10 महिलाये नही भाग पाती है उनके साथ वही 50 लोग बलात्कार करते है और वही खेतो में छोड़ कर भाग जाते है जब पीड़ित लोगों के घर वाले उन्हें लेने आतें तो बेहोश मिली | कुछ लोगों की मदद् से एक ढाबे वे आते है इसकी खबर जब पुलिस को होती है तो वो रिपोर्ट लिखने की जगह उनसे ये कहते है क्या कर सकते है आप लोगों घर जाओ हम ने कार माँगा दी है।यही देश का सविधान है निभाया कांड होता है लोग कैंडिल मार्च लेके निकलते है लेकिन क्या किसी ने इसलिए मार्च निकला कि अब बस बलत्कार की सजा मौत होगी वो भी सरे आम कारो के ब्लैक शिशे हटा कर क्या बलत्कार थम गए नही आज संख्या और बढ़ गयी है क्योंकि सविधान में 10 साल या 5 साल की सजा वो भी दोष साबित होने पर पैसो वालो के लिए कानून खरीदना कौन सी बड़ी बात है।</p><p>जम्मू कश्मीर हमने बहुत से छोटी बड़ी लड़ाई देखी उन माओ के दर्द को सामने से देखा है एक पत्रकार होने के कारण हर बात को दिल से नही ले सकता लेकिन जब उन माओ को उन बहनो को रोते देखता हूँ तो मेरी भी आँखों में आंसू आ ही जाते है क्योंकि वो लोग जो शहीद हो रहे है जिसकी जरुरत नही थी फिर भी देश के लिए गोली खा गए नेताओ की टीवी पर डीबेट देखता हूँ बहुत बड़ी बड़ी बात करते है लेकिन उन नेताओ से पूछो क्या उनके घर से भी को आर्मी में है दुर्भाग्य है देश का जिनके हाथो में देश की राजनीत है और उनके घर के लोग आर्मी में नही है कहते है हम देश की सेवा करेंगे क्या यही सेवा है कहना बहुत कुछ है लेकिन बात ख़त्म करता हूँ।</p><br><p>मेरी शान तिरंगा है मेरी आन तिरंगा है।</p></h5>
25 फरवरी 2016