देश में हो रही विवादों में बढ़ोतरी और धीरे धीरे फ़ैल रही है अशांति ? हो रही है विवादों में बढ़ोतरी पहले जेएनयू फिर जादव विश्वविद्यालय फिर जाट आंदोलन और अब जम्मू में भी कुछ हलचल होती दिख रही है पुलिस हो रही नाकाम आपका क्या मानना है राय दें ?
23 फरवरी 2016
देश में हो रही विवादों में बढ़ोतरी और धीरे धीरे फ़ैल रही है अशांति ? हो रही है विवादों में बढ़ोतरी पहले जेएनयू फिर जादव विश्वविद्यालय फिर जाट आंदोलन और अब जम्मू में भी कुछ हलचल होती दिख रही है पुलिस हो रही नाकाम आपका क्या मानना है राय दें ?
अलोक जी ,धनी महाराज , अमितेश जी और गायत्री जी अपनी प्रतिक्रिया देने के लिये धन्यवाद !
24 फरवरी 2016
<p><span style="line-height: 18.5714302062988px;">अलोक जी मुझे भी यही लगता है कि अगर देश में आपातकाल लगा देना चाहिए परंतु जिस गायत्री जी द्वारा कही गयी बात पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है कि कोई भी व्यक्ति अनुशासन में नहीं रहना चाहता वे पहले ही अपने लिए कोई आसान मार्ग निकाल लेते है जब भी कुछ शक्त नियम कानून बनाये जाते है मेरी राय में देश को हमारे सैनिको अर्थात आर्मी के हाथो में दे देना चाहिए क्योंकि केवल हमारे सैनिक जिनका केवल एक धर्म होता है राष्ट्रियता वो ही केवल हमारे देश में फ़ैल रही अशांति पर अंकुश लगा सकते है|</span></p>
24 फरवरी 2016
<p>देश के वो हालात हैं, की आपातकाल का भी लोग तोड़ निकाल लेंगे; नियम बाद में बनते हैं, उनके तोड़ पहले तैयार हो जाते हैं । हमारे यहाँ नियम-कानून को तो मज़ाक बना रखा है, रही बात पुलिस की नाकामी की तो उनके भी हाथ कानून ने ही बांध रखे हैं, कुछ अच्छे कर्मचारी, अधिकारी काम करना भी चाहें तो शेष मुहकमा उन्हें करने नहीं देगा । ऊपर से मीडिया के साथ उनका चोर-सिपाही का खेल... कुल मिलकर पूरा माहौल ही गड़बड़ है । इस समय देश में वो माहौल ही नहीं बन पा रहा है कि प्रगति हो सके । </p><p>अफसोसजनक !</p><br>
24 फरवरी 2016
भईया राष्ट्पति शासन लग जाये तो शांति हो जाये।
23 फरवरी 2016
अगर देश में इमरजेंसी लगती है तो देश में कुछ अच्छा जरूर होगा |
23 फरवरी 2016
<p>युवराज जी मेरी समझ से अब वो समय गया है कि आपातकाल आवश्यक हो गया है इस देश के लिए क्योंकि नेताओ को सिर्फ राजनीतिक रोटी सेकने से फुरसत नही कोई भी मामला होता है तो वो सिर्फ राजनीत करने लगते है आखिर उमर के मामले में इतनी देर क्यों की जा रही है देश का कानून क्या इतना कमजोर हो गया कि एक देश द्रोही को पकड़ने के लिए परमिशन चाहिए।जम्मू में अक्सर आतंकी हमला हो जाता है क्योंकि सरकार कोई ठोस कदम नही उठती वरना ये हमले रुक जाये मै कहता हूँ वो आप पर आतंकी हमले कर वाते है आप अपने यहाँ के युथ को पॉवर दो जो पाकिस्तान में जाकर वही हाल करे जो ये आतंकी भारत में करते है उन माताओ से पूछो जिनके बेटे बिना किसी बड़ी लड़ाई के शाहीद हो जाते है।इतना सब होने के बाद भी कुछ लोग सिर्फ अपने बारे में सोचते है और आरक्षण का बिगुल बजा देते है क्या यही देश के लिए फर्ज है इनका अगर हम सिर्फ अपने बारे में ही सोचते रहे तो देश किस ओर जायेगा क्या कभी कोई ये सोचता है ये जो हालात है आप ये न सोचे की कोई देख नही रहा है भारत के दुश्मन यही चाहते है ताकि उनका जो मकसद है वो पूरा हो सके। </p>
23 फरवरी 2016