जबसे ये पनामा पेपर्स की ख़बर आई है नींद खराब हो गई है. पहले पहल तो पनामा के नाम पर पनामा सिगरेट की याद आई पर फिर गौर से पूरी खबर पढ़ी तो देखा मामला धन दौलत का है और इसमें काला सफ़ेद रंग भी है. ये तो बहुत सतर्क रहने वाली बात है साहब. इसलिए अप
दिल्ली से अपने गांव जिबलखाल, जिला पौड़ी गढ़वाल आये कुछ दिन बीत चुके थे. अब तक गांव के भूगोल की भी जानकारी हो गई थी. मसलन मकान के दायीं ओर से नीचे जाने वाली तंग पगडण्डी पानी के स्रोत की तरफ जाती थी. बायीं ओर से खेतों की मुंडेर पर चल कर नीचे नद
कनाट प्लेस ऑफिस में हरेंदर की नौकरी लगे एक महीना हो गया था. अब उसे ऑफिस की चाल समझ आने लगी थी. ऊँची ऊँची बिल्डिंगें और उनमें ऊपर नीची जाती लिफ्ट भी ठीक लगने लगी थी. पहले पहल तो लिफ्ट में घुसने से कतराता था ख़ास तौर पर अकेला जाने पड़े तो ह
दोपहर टीवी चलाया तो समाचार मे गुजरात पर दलितों पर हुए अत्याचार पर बहस चल रही थी. देखते देखते मन 70 के दशक मे चला गया. अपने गाँव जिबलखाल, जिला पौड़ी गढ़वाल में चाचाजी के घर की पूजा समारोह की याद आ गई.हमारा गाँव जिबलखाल, तहसील लैंसडाउन से थोड़ी दूरी पर है. दस बारह घरों का छो