मैं हवाई जहाज से उतरते ही एक अजीब चिपचिपाहट में घिर गया था। बस बंबई की सबसे खराब चीज़ मुझे यही लगती है। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही सामने कंपनी की गाड़ी थी। मैं फटाफट उसमें बैठ गया और वह दुम दबाकर भाग
इन हाथों से ना जाने मैंने कितने लोगों के ऑपरेशन किए होंगे ।अगर उन सारी मरीजों की डिटेल्स लिखता तो आज कई मोटी-मोटी डायरियों का पुस्तकालय बन गया होता, इतने मरीजों के ऑपरेशन करने के बावजूद आज तक मैं किसी