इस कहानी को किताब का रूप देने का उद्देश सिर्फ यह है कि हम सभी के जीवन में अनेक किरदार जुड़ते हैं, उन किरदारों में से कई किरदार ऐसे भी होते हैं कि हमारे जीवन को प्रभावित कर जाते हैं, जिन्हें हम यादों के रूप में समेटे तो रहते हैं, लेकिन, कहीं ना कहीं मुझे लिखने को प्रभावित कर जाते है, वह हर किरदार जिसने मुझे कॉलेज की शुरू करने से लेकर और खत्म होने तक सबसे ज्यादा प्रभावित किया, जिनके कारण मुझे उनका जिक्र करना, इसलिए, मेरा फर्ज बनता है क्योंकि उन्होंने मेरी जिंदगी में उन शब्दों का जिक्र किया जो मुझे आज खुद से लड़ने और सोचने की क्षमता ने हीं अपने कर्म और धर्म की ओर आकर्षित किया है अपने प्रोफेशनल लाइफ में अब उन्हें किरदारों को किताबों के पन्ने में समेटने की कोशिश कर रहा हूं |