सभी खाटू श्याम जी के भक्तों को मैं हाथ जोड़ कर प्रणाम करता हूं इस पुस्तक का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ खाटू श्यामजी के जीवन पर प्रकाश डालना है मेरी कलम इतनी शक्ति नहीं मैं तो एक टूटी फूटी कलम से मेरे श्याम बाबाजी के चरणों में एक भेंट चढ़ना चाहता हूं और मेरी इच्छा है बाबाजी के आशीर्वाद से घर घर तक खाटूश्यामजी का प्रचार प्रसार करू उनकी महिमा का गुणगान करूं ताकि न जाने कितने ओर करोड़ों लोगों में टूटी हुई उम्मीद को एक रोशनी मिल जाए कुछ किस्से और कहानियां जो सचमुच सच्चाई है सत्य है उसको जानकार वो सब हार हुई दुःख तकलीफ से गुजर रहे लोगों पर उनके घाव पर मरहम लगाने का यहां पुस्तक काम करें आप सभी एक स्थान पर ही बाबा जी का इतिहास जीवनकाल खण्ड देखने और पढ़ने को मिला यही एक सपना ओर छोटा सा प्रयास है कोई भी किसी प्रकार कि जाने अंजाने में गलती हो गई हो तो मुझे माफ़ करें
इस पुस्तक में श्री खाटूश्यामजी के जीवन एक प्रकाश डालने का काम किया है कुछ अधूरी रह चुकी बातों को पुरा करने कि कोशिश कि है खाटूश्यामजी के जीवनकाल कि घटनाएं और बर्बरीक से खाटूश्यामजी बनने का सफ़र और खाटूश्यामजी मन्दिर निर्माण के विशेष में बताता गया है खाटूश्यामजी के परम भक्त को समर्पित है और एक अपनी टूटीं फुटी क़लम से अपने लखदातार सेठ हारे का सहारा खाटूश्यामजी हमारा के श्री चरणों में समर्पित है जय श्री श्याम 🕉️ श्री श्याम देव नमः
लेखक शायर विजय मलिक अटैला