इस पुस्तक में श्री खाटूश्यामजी के जीवन एक प्रकाश डालने का काम किया है कुछ अधूरी रह चुकी बातों को पुरा करने कि कोशिश कि है खाटूश्यामजी के जीवनकाल कि घटनाएं और बर्बरीक से खाटूश्यामजी बनने का सफ़र और खाटूश्यामजी मन्दिर निर्माण के विशेष में बताता गया है खाटूश्यामजी के परम भक्त को समर्पित है और एक अपनी टूटीं फुटी क़लम से अपने लखदातार सेठ हारे का सहारा खाटूश्यामजी हमारा के श्री चरणों में समर्पित है जय श्री श्याम 🕉️ श्री श्याम देव नमः
लेखक शायर विजय मलिक अटैला