ईर्ष्या के बल पर कभी कोई धनवान नहीं बनता है। ईर्ष्या के डंक को कोई भी शांत नहीं कर सकता है।। लोहे के जंग जैसा ईर्ष्या मनुष्य को भ्रष्ट करती है। ईर्ष्यालु अपने बाणों से अपनी हत्या कर देती है।।
एक नगर के राजा चन्द्र के पुत्रों को बन्दरों से खेलने का व्यसन था । बन्दरों का सरदार भी बड़ा चतुर था । वह सब बन्दरों को नीतिशास्त्र पढ़ाया करता था । सब बन्दर उसकी आज्ञा का पालन करते थे । राजपुत्र भी उन ब