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माँ- बाप

12 सितम्बर 2024

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माता पिता पेड़ की वो छाँव है जिसकी चारो तरफ कितनी भी गरमी हो, बारिश हो, तड़कती धूप हो, हमें शीतलता ही देती है

पिता जी घर की नीव है तो माँ घर का आँगन है पिता जी हैं तो हर सपने अपने हैं माँ हैं तो घर घर हैं

कितना भी दुख हो पर माता पिता को देखते ही लगता है बस सब ठीक है क्योंकि हमें पता है कि वो है...माँ की गोद में वो सुकून है वो आराम है, तो पिता के साथ लगता है कि हर जंग में जीत पक्की है...हम कितने भी रूठे या दुनिया ही क्यों ना समझे हमें पर माता पिता हमेशा हमारे साथ खड़े रहते हैं माता पिता वो गुरु हैं जो एक अक्षर से शुरू किए थे सिखाना पर आज हम इतनी जिंदगी को साथ लेकर चल सकें उतना सीख दे दिए...पूरी दुनिया में सिर्फ माता पिता ही हमारे हर दुख हर सुख को अपना समझते हैं और हमेंशा खुद से ज़्यादा हमारी खुशी में खुश होते हैं माता पिता है तो रोटी कपडा और मकान है... माता पिता है तो सब है हर ख़ुशी ....एक तसल्ली है कि कोई समझे या ना समझे पर वो है जो मुझे जान्ते है मुझे समझ्ते है..भगवान और कुदरत का सबसे बड़ा तोहफा है माता पिता...🙏🏻🙏🏻❤️

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प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

बहुत खूबसूरत लिखा है आपने बहन 😊🙏 होम पेज पर मेरी कहानी कचोटती तन्हाइयां पढ़कर सभी भागों पर अपना लाइक और रिव्यू देकर आभारी करें 😊🙏

14 सितम्बर 2024

मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत सुंदर बिल्कुल सही कहा आपने सर 👌👌 आप मेरी कहानी प्रतिउतर और प्यार का प्रतिशोध पर अपनी समीक्षा और लाइक जरूर करें 🙏🙏🙏

12 सितम्बर 2024

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