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महाकाल के रहस्य

29 सितम्बर 2023

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महाकाल में भस्म आरती

महाकाल में भस्म आरती होती है पहले यहां जलती हुई चिता की राख लाकर पूजा की जाती थी इसलिए माना
जाता था कि महाकाल का संबंध मृत्यु से है प्राचीन काल में पूरी दुनिया का मनक समय यहीं से निर्धारित होता था इसलिए इसे महाकालेश्वर नाम दे  दिया गया। महाकाल ने दूषण का वध किया और उसकी राख से ही अपना श्रृंगार किया। उसके बाद वो यहीं विराजमान हो गए। तब से भस्म आरती का विधान बन गया। ये दिन की सबसे
पहली आरती होती है।सुबह 4 बजे की भस्म आरती देखने के लिए लोग पहले से रजिस्ट्रेशन तक कराते हैं। इस आरती में शामिल होने की सबसे पहली शर्त यही है कि इस आरती को औरतें नहीं देख सकतीं। जब यह आरती होती है तो औरतों को घूंघट करना पड़ता है।

ऐसी  मान्यता  है  की  विक्रमादित्य के समय से ही इस मंदिर के पास और शहर में कोई राजा या मंत्री रात नहीं  गुजारता है। इससे जुड़े कई उदाहरण भी प्रसिद्ध हैं

महाकाल मंदिर के नीचे एक मंदिर

सन  2018 से महाकाल मंदिर परिसर में खुदाई चल रही है. खुदाई के दौरान मंदिर के उत्तरी छोर में मंदिर के
प्रमाण मिले हैं, जिसमें उत्कृष्ट खंभे, आधार ब्लॉक, मंदिर के गुंबद के हिस्से, पत्थर के नक्काशीदार रथ शामिल हैं. ये अवशेष 11वीं और 12वीं शताब्दी के बीच के बताए जा रहे हैं. वहीं महाकाल मंदिर के दक्षिणी छोर में गर्भ में कई पुरानी दीवारें दबी मिली हैं. सतह से चार मीटर नीचे दीवार के अवशेष मिले हैं. ये अवशेष 185 से 73 ईसा पूर्व काल के बताए जा रहे हैं.उज्जैन महाकाल में खुदाई कर रही जांच टीम की मानें तो गहराई में जाने पर और भी बहुत कुछ पुरातात्विक अवशेष मिलने की संभावना है. पिछले साल भी महाकाल मंदिर में खुदाई के दौरान कई पुराने अवशेष मिले थे   |

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रचनाएँ
महाकाल
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उज्जैन स्थित स्वम्भू भगवान महाकाल के आविर्भाव के बारे में जानकारी |
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पुस्तक के बारे में

29 सितम्बर 2023
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महाकाल पुस्तक में भगवन महाकाल के आविर्भाव सक्षिप्त विवरण दिया गया है | उज्जैन के राजा महराजाधिराज बाबा महाकाल मंदिर के तीन भाग है | सबसे ऊपर नाग चंद्रेश्वर के रूप मर भगवन शिव विराजमान है बीच के भाग मे

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आविर्भाव

29 सितम्बर 2023
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आविर्भाव अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्। अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्।। जो भगवान शिव शंकर संतजनों को मोक्ष प्रदान करने के लिए अवन्तिकापुरी उज्जैन में अवतार

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महाकाल के रहस्य

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महाकाल में भस्म आरती महाकाल में भस्म आरती होती है पहले यहां जलती हुई चिता की राख लाकर पूजा की जाती थी इसलिए माना जाता था कि महाकाल का संबंध मृत्यु से है प्राचीन काल में पूरी दुनिया का मनक समय यहीं स

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ओंकारेश्वर

29 सितम्बर 2023
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उज्जैन स्तिथ महाकाल मंदिर    तीन भागो में सम्मलित है | सबसे नीचे गर्भ गृह में भगवन महाकाल विराजमान है | मध्य में ओम्कारेश्वर तथा ऊपर नागचंद्रेश्वर विराज मान है | ओम्कारेश्वर में भगवान् शिव नंदी का सा

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नाग चंद्रेश्वर

29 सितम्बर 2023
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पौराणिक  मान्यताओं   के अनुसार   नागचंद्रेश्वर मंदिर में राजा तक्षक ने भगवान शिव को मनाने के लिए घोर तपस्या की थी। भगवान शिव ने  उन्हें अमरत्व का वरदान दिया था। भगवान शिव के वरदान देने के बाद राजा तक्

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