भारत इस पृथ्वी का अनूठा देश है। यह राम ,कृष्ण महावीर, बुद्ध ,कबीर जैसे सन्तो की जन्मभूमि है।आश्चर्य;कैसे इस पृथ्वी पर इसी भारत में दिव्य लोगो की जन्मस्थली है। 190 से भी अधिक देश इस पृथ्वी पर है।लेकिन भारत एक ऐसा स्थान है जहाँ जो दिखाई नहीं देता उसका अस्तित्व है माना जाता है। उसके होने को विश्वास कर लिया जाता है। इस जीवन को चलाने वाले उस रूप पर पूरा आस्था विश्वास व श्रद्धा है। यहाँ के लोग भाग्य को मानते है। अपना हाथ सड़क पर बैठे पण्डित को दिखाते है जबकि वह खुद धनवान है उस हाथ देखकर भाग्य बताने वाले व्यक्ति की तुलना में। यहाँ ईश्वर की पूजा की जाती है चाहे वह मुर्ति हो या कोई जीवजन्तु।
बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित एक धाम है ।धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री इस मंदिर के प्रमुख है।यह एक हनुमान का स्वरुप है ।याने हनुमान का मंदिर मानते है। श्री बागेश्वर बालाजी महराज के स्वरुप में हनुमान निवास करते है और भक्तो का भला करते है ।कहा जाता है कि यहाँ आने के लिए अर्जी लगानी होती है । 5 मंगलवार तक जाना होता है ऐसा कहा जाता है। बिना पूछे भक्तो की परेशानियाँ पहचान ली जाती है व दुर हो जाती है ।
भारत के लोग ऐसे स्थानो पर जाते है दान करते है ।मत्था टेकते है और अपने बिजनेस में लाभ ,नौकरी लगना ,अच्छा वर-वधु मिलना यहाँ तक परीक्षा में अच्छे अंक पाने की अर्जी भी लगा आते है। क्या कहे यहाँ के लोगो का भाग्य पर सब कुछ छोड़ देते है भाग्य पर लिखा को कौन टाल सकता है। अरे उसका नाम तो बता दो जिसने तुम्हारा भाग्य लिखा उसका पता भी तो तुम्हे मालूम होगा।तभी तो परीक्षा मे अच्छे अंक पाने बोनस मिलने के लिए उस पर नारियल प्रसाद चढ़ा आये ।मन्नते मांगी उपवास रहे चलकर आये और ना जाने किस तरीके से पहुचे।जापान टेक्नोलाजी में हमसे आगे है और 350 सालो का इतिहास है उनका जबकि भारत 2500 साल का इतिहास रहा है।
एक बात बताओ आदमी बिना मुहूर्त के जन्म लेता है और बिना मुहूर्त के मर जाता है। और जीवन भर मुहूर्त के पीछे दौड़ता रहता है। शादी विवाह में शुभ मुहूर्त नया घर प्रवेश में शुभ मुहूर्त कोई करोबार शुरु करो तो शुभ मुहूर्त।ये शुभ मुहूर्त किसने बनाया यदि बनाया है तो वो तुम्हारे भगवान से बड़ा क्यो ? हमारा मन अभी भी अतीत में उलझा हुआ है ।हम ये मान बैठे हैं कि कोई हमारी समस्या दुर कर देगा।हमे हाथ चलाने की जरूरत भी नही पड़ेगा धन दौलत हमारी झोली में बरस पड़ेगा।ऐसी हमारी धारणा व मानसिकता है।
बागेश्वर धाम ही नही भारत में कई स्थल है जहाँ अन्धविश्वास हावी है ।देश का आदमी भूखा है और हम मंदिरो को सोने चांदी से भर रहे है।कहते हैं न अमीर देश के गरीब लोग।
हमारी मिट्टी में इतने दिव्य लोग जन्म लिये राम कृष्ण बुद्ध महावीर कबीर नानक मीरा रामकृष्ण विवेकानंद आदि लेकिन हम समझ नही पाए और धार्मिक भावनाओं में उलझे रहे। आस्था व श्रद्धा जरुर होनी चाहिए जैसे मीरा का श्याम के प्रति था।जीसस साईबाबा का उस ईश्वर के प्रति था। लेकिन पाखंड से झुकने से क्या होगा उस व्यक्ति के पास झुकने से क्या होगा जो समाधि को उपलब्ध नही कर पाया है जो खुद को नही जान पाया वो दुसरे को कैसे जान पायेगा।
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री क्या है? उसके आसपास के लोग ही बता पायेंगे जो जागरुक है वरना हनुमान की मुर्ति तो लाखो जगह विराजमान है।आपके मन पर डिपेंड करता है कि आप किसे मानते है।शोषण करने के लिए हजारो मिल जायेंगे उनकी दुकान बस चलनी चाहिए ।