दिनो दिन वाहन की संख्या में वृद्घि हो रही है । शहरो में तो हर घर में दुपहिया वाहन पाओगे गांवो में भी अब सभी वर्गो के पास वाहन मिलेंगे। ऐसे में वायु प्रदूषण होने की संभावना बढ़ जाती है । वायु में कार्बन की मात्रा बढ़ रही है । इंटरनेट ने कार्बन उत्सर्जन की मात्रा बढ़ा दी है ।हमे वायुमंडल में कार्बन उत्सर्जन की मात्रा को कम करनी होगी। हमे प्राकृतिक स्रोतों से नये विकल्प तलाशने होंगे।जिस प्रकार से कोई नही जानता था कि अमुख पौधे से जड़ी बुटी बनेगी पतंजलि ऋषि ने पौधे पर ध्यान व विश्लेशण कर इसे पाया उसी तरह हमे जल पेड़ पौधे मिट्टी वायु से ऊर्जा के नये स्रोत पैदा करने होंगे ।हरित हाइड्रोजन गैस भी एक स्वच्छ ऊर्जा है ।
यह एक तरह का हाइड्रोजन गैस है । जो पानी (H2O) को तोड़कर बनाया जाता है । जब पानी में विद्युत गुजारी जाती है तो पानी दो भागो में विभक्त हो जाता है । प्राप्त हाइड्रोजन ग्रे हाइड्रोजन कहलाता है ।लेकिन जब इसे जल ऊर्जा,वायु ऊर्जा व बायोगैस का उपयोग कर प्राप्त करे तो यह साफ और शुद्ध होता है ।इसे ग्रीन हाइड्रोजन कहते है जिसमे कार्बन उत्सर्जन नही होता।
प्रधान-मंत्री ने 75 वी स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त 2021 को राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की शुरुआत की ।इसका उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन कम करना वैकल्पिक ईंधन तलाशना व भारत को हरित हाइड्रोजन हब बनाना है ।भारत में 174.9 अरब रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है ।भारत ने 2030 तक 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखा है ।साल 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने में भी ये मदद करेगा।नए प्लांट लगने से रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे ।
जब अधिक मात्रा में इसका उत्पादन होगा तो इसकी कीमत कम होगी । आयल इण्डिया लिमिटेड ने असम में इसके प्लांट भी लगा लिए हैं । पैट्रोल व डीजल की कीमतो पर लगाम व समाप्ति का विकल्प भी यही होगा।
भारत को जापान ,अमेरिका व चीन की तरह टेक्नालॉजी को बढ़ावा देना होगा तभी देश विकसित होगा। हमारे भाग्य जैसे शब्दों ने उन्नति में बाधा उत्पन्न की है ।