विद्युत के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं । हमारा हर वक्त विद्युत के साथ गुजरता है ।जिस कमरे या ऑफ़िस में घण्टो बैठे रहते है उसमे एक प्रकाश या पंखा तो जरुर आन रहता है । फ्रीज से लेकर फोटोकापी मशीन तक में बिजली की आवश्यकता होती है । प्राकृतिक रूप से हवा जल व कोयला से हम विद्युत का उत्पादन करते है । इसकी उपलब्धता कम है या हम हवा व जल की भयंकरता से परिचित है ।
जल विद्युत परियोजना क्या है? जब जल की गिरती धार से विद्युत उत्पन्न किया जाता है तो इसे जल विद्युत धारा कहा जाता है । ऊपर से जल वर्षा को हम सीधा उपयोग में नही ला सकते उसे एक जगह स्टोर कर नीचे गिरा सकते है और तकनीकी उपकरणो की सहायता से विद्युत उत्पादन कर सकते है ।भारत में लगभग 200 जल विद्युत् परियोजनाए है जिसमे हायड्रोप्लांट 197 है । पहली जल विद्युत् परियोजना कर्नाटक राज्य में कावेरी नदी पर शिवा समुद्र पर है ।जिससे हमे विद्युत आपूर्ति की जाती है । 1500 मेगावाट क्षमता का नाथपा झकडी देश का
का सबसे बड़ा जलविद्युत प्लांट है। नाथपा झाकड़ी(हिमाचल प्रदेश) प्लांट प्रति वर्ष 6950.88 (6612) मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करने के लिए डिजाइन किया गया है।देश में सबसे अधिक जल विद्युत उत्पादन हिमाचल प्रदेश राज्य में होता है । आन्ध्र प्रदेश राज्य सबसे अधिक जल संग्रह क्षमता वाला है ।टेरी डेम भारत का सबसे ऊँचा जल विद्युत सयंत्र है ।
सन् २०२० में विश्व भर में लगभग ४५०० टेरावाट-घण्टे (TWh) जलविद्युत उत्पन्न की गयी जो कि विश्व की सम्पूर्ण विद्युत ऊर्जा का लगभग छठवाँ भाग है।भारत की जलविद्युत क्षमता 148,701 मेगावाट (मेगावाट) होने का अनुमान है।भारत में 2003-2004 मे 73.796 अरब यूनिट जल विद्युत का उत्पादन हुआ।
हमें विद्युत का दुरुपयोग रोकना चाहिए । बिजली की डिमांड तो बढ़ती जायेगी लेकिन उत्पादन के बढ़ोतरी कम है ।सुखे की स्थिति में वर्षा जल का संग्रहण नही हो पाता । मनुष्य अपने छोटे-छोटे कृत्यो में सजग रहकर बिजली बचा सकता है । सुबह घर के रोशनदान खोल दे ताकि बल्ब न जलाना पड़े । बेवजह पंखा व लाईट ऑन करके ना छोड़े। कपड़े फर्श सुखाने के लिए पंखा ऑन न करे। एक साथ वाशिंग मशीन से कपड़ा धोए । इस तरह से हम बिजली की बचत कर सकते है।
भारत में जल विद्युत परियोजनाओं का ऊर्जा में महत्वपूर्ण स्थान है ।सरकार को जल विद्युत सयंत्र अधिक संख्या में लगाने पर जोर देना चाहिए ।