मेरी ये कविता ईश्वर की विशालता और उसके असीमित प्रकृति को समर्पित है। मुझे आश्चर्य होता है कि मैं इतने बड़े ब्रह्मांड का हिस्सा हूँ।ये ब्रह्मांड इतना बड़ा है कि सबसे नजदीक के तारे के पास भी जाने में वर्षों लग जाते है । इस कविता के माध्यम से मैंने इस ब्रह्मांड के यात्रा की परिकल्पना की है। आइये मेरे साथ इस ब्रह्मांड की यात्रा पर निकलिए। ये यात्रा मेरे घर से शुरू होकर आपको पुरे असीमित ब्रह्माण्ड तक , समय और स्थान के बंधनों से पार तक को जाएगी । ये केवल कविता नहीं बल्कि एक अनुभूती है । इस कविता के भाव को आत्मसात करने का एक तरीका है । आप इस कविता का आनंद उठाना चाहते है तो इसमें मेरे शब्द के स्थान पर , स्वयं को प्रतिस्थापित कर दे और फिर शब्दों के साथ परिलक्षित की गयी अनुभूतियों के साथ गुजरें।मुझे पूरा विशवास है कि आपका हृदय परम ब्रह्म की विशालता पर विस्मित हुए बिना नहीं रह सकेगा । तो आइये , निकलते हैं परम ब्रह्म की यात्रा पर।
मैं,
मेरा घर,
मेरा छोटा सा घर,
एक छोटे से गाँव में।
और गाँव,
मेरा गाँव,
मेरा छोटा सा गाँव,
एक शहर के पास।
और शहर,
मेरा शहर ,
वो छोटा सा शहर,
एक राज्य में ।
और राज्य ,
मेरा राज्य ,
मेरा छोटा सा राज्य
मेरे इस देश में।
और देश,
मेरा देश,
मेरा प्यारा देश ,
ऐसे सैकड़ो देश,
इस धरती पे।
और धरती,
ये धरती,
मेरी प्यारी धरती,
मेरी छोटी सी धरती,
घुमती गोल गोल,
सूरज के चारों ओर,
अन्य ग्रहों के साथ।
और सूरज,
मेरा सूरज,
मेरा प्यारा सूरज,
घुमता गोल गोल,
अपने ग्रहों के साथ,
एक अकाश गंगा के पीछे।
और अकाश गंगा,
मेरी अकाश गंगा,
जहाँ हजारों तारे,
करोड़ो तारे,
जहाँ ब्लैक होल्स,
हजारों ब्लैक होल्स,
करोड़ो ब्लैक होल्स,
अनगिनत ब्लैक होल्स।
जहाँ तारे,
हजारों तारे,
करोड़ो तारे,
बनते,मिटते।
और ऐसी आकाश गंगा,
हजारों आकाश गंगा,
करोड़ो आकाश गंगा,
अनगिनत आकाश गंगा,
जनमती आकाश गंगा,
बनती आकाश गंगा ,
बिगड़ती आकाश गंगा,
मिटती आकाश गंगा।
एक आकाश में ,
और वो आकाश ,
ऐसे हजारों आकाश,
ऐसे अनगिनत आकाश ।
एक समय में ,
और ऐसा एक समय,
हरेक सेकंड में ।
जहाँ एक सेकंड,
करोड़ो सेकंड ,
अनगिनत सेकंड ,
महासमय में ।
जहाँ वोर्म होल्स,
एक वोर्म होल्स ,
अनगिनत वोर्म होल्स ।
तोड़ते , मरोड़ते ,
आकाश को,
समय को ,
महाकाश को।
जहाँ ऐसे हजारों आकाश ,
महाकाश ,
बनते , बिगड़ते ,
मिटने ,
समय में ,
इस महासमय में ।
और मैं इनका हिस्सा,
अदना सा हिस्सा।
मैं,
मेरा घर,
मेरा छोटा सा घर।
अजय अमिताभ सुमन:सर्वाधिकार सुरक्षित