मैं गीत बनु, तू संगीत बन जा,
मैं तेरा, तू मेरी प्रीत बन जा।
कर न सके कोई जुदा हमे,
आ चल मुहब्बत की जीत बन जा।
तेरी जुदाई, उफ़ सह नहीं सकता,
हर लम्हा तुम्हें देखूँ, मेरी दीद बन जा।
कहा दिल का मान, दुनिया न देख,
अपने मन का तू मीत बन जा।
माना मंजिल मुहब्बत की दूर है,
पाने को इसे दीवाने दिल, तू जीद बन जा।