मैंने कहा पंछिओं से तुम गीत खुशी के गाओ,
चेहरे से उसके तुम दुख के बादल हटाओ।
फूलों से कहा, बिछ जाओ उसके राहों में,
कांटे उसके जीवन से कहीं दूर ले जाओ।
ऐ दीप तुमसे भी मेरा ये कहना है,
उसके हर रात तो दिवाली की रात बना जाओ।
खुशनसीबी तुमको भी वहाँ जाना होगा,
उसके घर का पता मुझसे तुम लेते जाओ।
मेरे ईश्वर तुमसे मेरी ये प्रार्थना है,
आंसुओं को उसके तुम मोती बना जाओ।
देखकर खुशियाँ उसके “राज” भी खुश होगा,
डोली खुशिओं की घर उसके लेकर जाओ।