राजेश श्रीवास्तवा
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जो दिल को बहला जाती थी वो मीठी तकरार कहाँ है, कोई हमसे पूछ रहा है पहले जैसा प्यार कहाँ है......... वो दिन कब के बीत चुके जब "ना" के पीछे "हाँ" होती थी, इकरारों की खुशबू लाये ऐसा इंकार कहाँ है......
जिंदगी मुहाल हो जायेगा. ....
29 अक्टूबर 2016
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रंग बदल देंगे. ....
29 अक्टूबर 2016
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सुन ले ऐ पाकिस्तान. .....
29 अक्टूबर 2016
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मैं गीत बनु. ...
24 सितम्बर 2016
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दर्दे दिल तुम छुपाया करो. ........
24 सितम्बर 2016
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अपनी जिंदगी के लिए. ...........
24 सितम्बर 2016
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परो में अपनी ऊंची उड़ान रख लो.......
17 दिसम्बर 2015
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मैंने कहा पंछिओं से........
12 दिसम्बर 2015
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जिंदगी को जीना सीख ले......
12 दिसम्बर 2015
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दोस्तों के साथ
19 नवम्बर 2015
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