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मैं हिन्दी हूँ।।📖

9 सितम्बर 2021

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"मैं हिन्दी हूँ.....🙏🙏
संस्कृत की बेटी हूँ, अनेक बोलियों की जननी हूँ!
भाषाओं में समृद्ध और शिरोमणि हूँ!
सरलता, बोधगम्यता, शैली में सर्वप्रथम हूँ!
मैं हिन्दुस्तान की राजभाषा हूँ,
विश्व की तीसरी सबसे बड़ी भाषा हूँ,
भारतीय संस्कृति का अलंकार हूँ,
करोड़ों लोगों के मुख का उद्गार हूँ,
लोकगीतों की सुरीली झंकार हूँ,
नवसाक्षरों का सुकोमल सहारा हूँ,
जनसंचार का स्पंदन हूँ!! 
हाँ!! 'मैं हिन्दी हूँ'.............🙏
मुझसे ही यह हिन्दुस्तान है,
मुझसे ही हिन्द का समाज है,
मुझसे ही राष्ट्र में एकता है,
मुझसे ही समाज में समरसता है!
मेरे बिना राष्ट्र और व्यक्ति की उन्नति नहीं,
मेरे बिना भारत के लोकतंत्र की जय नहीं!
.............

इतना सब होते हुए भी...
आज मैं लाचार हूँ,
अपनों की उपेक्षा से हैरान हूँ!
मध्य काल में विदेशी आक्रमणों से मैं तबाह हुई,
आधुनिक काल में अंग्रेजों के अंग्रेज़ियत का शिकार हुई,
आजादी के बाद अपने ही संतानों की राजनीति से बर्बाद हुई!
मुझे अपनों ने ही दोयम दर्जे का भाषा बना दिया,
मेरे अपने ही देश के लोगों ने मुझे गैर बना दिया,
हिन्दी को हिन्दुस्तानियों ने ही कमजोर बना दिया।।"
😔😔🙏🙏🇮🇳🇮🇳
©️A.K.TIWARI
Pawan Pandit

Pawan Pandit

बहुत खूब

10 सितम्बर 2021

Anjani Tiwari

Anjani Tiwari

10 सितम्बर 2021

😊🙏

3
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'मेरी कविताएँ'
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