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मन दर्पण से प्रेम निवेदन

Puneet Mewara

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यह सभी तब शुरू हुआ जब मेने अपने आप को एक लेखक क रूप देखना चाहा और फिर ऐसे ही ढलती शाम और रात भर जागने के बाद सुबह के सूरज को देख जो कुछ महसूस हुआ वो सब शब्दों में ढालने एक कोशिश और आस पास के अनुभवों से कुछ अभिव्यक्ति तक का सफर पन्नो में छुपाने का प्रयास !  

man darpan se prem nivedan

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