बेटा देखें ख्वाब इसलिए,निज ख्वाबों को भुल जाती हैं... खुशी -खुशी मां जिम्मेदारियों के, फंदे पर झूल जाती हैं... धुप देखकर लाल के , इसलिए पल्लू से छांव कर देती हैं... फिर क्यों शिक्षित बहुएं, मां क
वो चेहरा जो शक्ति था मेरी , वो आवाज़ जो थी भरती ऊर्जा मुझमें , वो ऊँगली जो बढ़ी थी थाम आगे मैं , वो कदम जो साथ रहते थे हरदम, वो आँखें जो दिखाती रोशनी मुझको ,वो चेहरा ख़ुशी में मेरी हँसता था , वो चेहरा दुखों में मेरे रोता था , वो आवाज़ बाते