मेरा बचपन बहुत ही दुःखमय था। मेरे पिता जी एक छोटे किसान थे और वे तीन भाई थे और मेरी तीन बुआ भी थी। अपने सभी भाई बहनों में मेरे पिता जी सबसे छोटे थे। मेरे पिता जी किसान थे और मेरे ताऊ जी एक सरकारी नौकरी करते थे। मेरे पिता जी एक किसान थे जिसके कारण मेरे पिता जी की आमदनी बहुत कम थी जिस कारण मेरे पिता जी परिवार का खर्च नही उठा पाते थे जिसके कारण मै और मेरे भाई बहन मेरे नाना जी के पास रहते थे। मै बचपन मे बहुत ही शरारती था । मै बचपन मे भैंस के पीठ पर बैठ कर भैंस की पुछ खीच दिया करता था जिसके कारण भैंस बहुत तेज दौड़ती थी और मै भैंस की पीठ पर बैठ कर घोड़े का आनद लिया करता था। कभी कभी तो भैंस किसी और गांव में चली जाती थी और मेरे नाना जी उसे ढूंढ कर लाया करते थे और मुझ पर काफी नाराज हुआ करते थे। मै अगले दिन से फिर से उसी गलती को दोहराता था।