4 सितम्बर 2024
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🌸"श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ, नारायण वासुदेवा"🌸🙏🙏 हमारा नाम दिव्यांशी त्रिगुणा हैं। हम उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर अमरोहा में रहते हैं। हम एक ग्रेजुएट छात्रा हैं, जिसने इसी वर्ष कला वर्ग से अपना ग्रेजुएशन पूर्ण किया हैं। हमारी बाल्यकाल से हीं विशेष रूचि हिन्दी कविता लेखन में रही हैं और हमारी अधिकतर कविताओं का विषय हैं, हमारे प्रियतम भगवान श्रीकृष्ण,,। इसलिए हम आज़ भी अपनी इन कविताओं में वर्णित प्रेम को श्रीकृष्ण के चरणों में निरन्तर समर्पित करते रहते हैं। क्योंकि लिखना केवल हमारा शौक या पसंद हीं नहीं, बल्कि हमारे हृदय की भक्ति का विशुद्धतम और अनुपम रूप हैं, जो शब्दों को माध्यम बनाकर बाहर आता रहता हैं,,। 🌻वासुदेवाय नमः🌻 🌼।।जय श्री कृष्णा।।🌼 🌸राधे राधे,,।🌸🙏🙏D
बहुत खूबसूरत लिखा है आपने बहन 😊🙏 शिक्षक दिवस की आपको हार्दिक शुभकामनाएं 💐😊🙏 कृपया होम पेज पर मेरी कहानी कचोटती तन्हाइयां पढ़कर सभी भागों पर अपना लाइक और रिव्यू देकर आभारी करें 😊😊🙏
5 सितम्बर 2024