कहते हैं लोग ख्वाब मे मै गीत लिखा करता हूँ
अपने दुश्मन को भी मै तो मीत लिखा करता हूँ
बदलकर जब दिनो के फेर आते हैं
मकड़ी के जाल मे भी शेर आते हैं
तक़दीर तेरे दिये हर पल को मैं रीत लिखा करता हूँ
दोस्तों ने भले ही हमे सेंहरां दिया हो
तपती हुई रेत और दिन मे अंधेरा दिया हो
ऐसे तपते तेज मौसम को भी मै शीत लिखा करता हूँ