अफसोस
वक्त गुजरता जा रहा है तूफान की तरह तेजी से , हम पोटली थामे यादों की आज भी लिए बैठे हैं । दौड़ नहीं पाये संग संग उसके तो पीछे रह गये , थाम कर बीते दिन पुराने कलैण्डर से लिए बैठे हैं । पाँव थक गये थे दौड़ना सिखाते सिखाते उनको , आयेंगे वो पलट कर साथ ले जाने आस लिए बैठे हैं। हमारी तो ये धरोहर है जीवन की