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मुक्तक

14 नवम्बर 2021

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जिंदगी में अब थोड़ा संभल रहे हैं हम

लड़खड़ा कर ही सही लेकिन चल रहे हैं हम

वक्त की इस दौड़ में कहीं पीछे ना रह जाए

इसलिए वक्त के साथ-साथ बदल रहे हैं हम।।


सौरभ पाण्डेय की अन्य किताबें

14 नवम्बर 2021

सौरभ पाण्डेय

सौरभ पाण्डेय

14 नवम्बर 2021

शुक्रिया जी☺️

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रचनाएँ
कुछ बातें मन की
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मन में आने वाले विचारों को कलमबद्ध किया है,आप पढ़ें और महसूस करें।।
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मुक्तक

14 नवम्बर 2021
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<p>जिंदगी में अब थोड़ा संभल रहे हैं हम</p> <p>लड़खड़ा कर ही सही लेकिन चल रहे हैं हम</p> <p>वक्त की इ

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तकलीफों की दवाई

27 नवम्बर 2021
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शहर-गांव

12 नवम्बर 2022
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12 नवम्बर 2022
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फुर्सत नहीं

12 नवम्बर 2022
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