murshid ansari
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मैं एक स्वतंत्र लेखक हूँ . कहानियां लिखता हूँ .
यह मेरा देश नही है ?
‘कौन आजाद हुआ, किसके माथे से गुलामी की सियाही छुटी, मेरे सीने में दर्द है अभी महकूमी का मादरे हिंद के चेहरे पे उदासी है अभी।’ आजादी के 70 साल बाद भी यह सवाल ज्यों का त्यों हैं। रत्नगर्भा झारखण्ड की धरती पर हजारों वर्षों से कई जातियों के लोग रह रह
यह मेरा देश नही है ?
‘कौन आजाद हुआ, किसके माथे से गुलामी की सियाही छुटी, मेरे सीने में दर्द है अभी महकूमी का मादरे हिंद के चेहरे पे उदासी है अभी।’ आजादी के 70 साल बाद भी यह सवाल ज्यों का त्यों हैं। रत्नगर्भा झारखण्ड की धरती पर हजारों वर्षों से कई जातियों के लोग रह रह