shabd-logo

शक्ति और उपासना

26 सितम्बर 2022

27 बार देखा गया 27
Hello friends

शक्ति और उपासना पौराणिक समय से ही चली आ रही है । पहले के पूर्वज प्रकृति की उपासना करते थे फिर धीरे - धीरे  मूर्तियों का प्रचलन हुआ । मनुष्य मूर्तियों की पूजा करने लगा । शक्ति और उपासना से हमारे मन को शांति मिलती है और अंदर के बुरे विचार नष्ट हो जाते हैं । हमें अपने जीवन में आगे बढ़ने की शक्ति मिलती है और आज तो नवरात्रि का पहला दिन है । इस समय हर गांव , मोहल्ला , कस्बा और शहर हर जगह दुर्गा मां ही विराजमान रहेंगी और नौ दिनों तक धूम - धाम से , बड़ी ही श्रद्धा पूर्वक मां दुर्गा की उपासना की जाती है । 

नवरात्रि के पावन बेला पर , 
शक्ति की करते उपासना हम , 
सब कष्टों को दूर करने ,
फिर आ गईं मां दुर्गा ।

नौ दिन में नौ माता का , 
करते हैं आदर सत्कार ,
हर गली मोहल्ला झूमा रहता , 
मां के आने का जश्न मनाता ,

article-image

आप सबको नवरात्रि की ढेर सारी शुभकामनाएं 💐💐
 🙏🙏🙏🙏🙏




काव्या सोनी

काव्या सोनी

बहूत बढ़िया लिखा आपने बेहतरीन

27 सितम्बर 2022

"आज़ाद आईना"अंजनी कुमार आज़ाद

"आज़ाद आईना"अंजनी कुमार आज़ाद

वाह...सुंदर प्रस्तुति👌👌👌👌💐💐 🙏जय माता की🙏

26 सितम्बर 2022

3
रचनाएँ
नारी शक्ति
0.0
नारी से ही है ये संसार , नारी कर सकती है दुष्टों का संहार , नारी असहाय नहीं है बिलकुल , नारी से ही बढ़ता है कुल । कुछ लोग कहते है की , इन नारियों का नहीं है कोई घर , लेकिन नारियों के बिना भी , कोई घर , घर नहीं । एक बेटी , बहु , पत्नी , मां , सब धर्म निभाती है नारी , फिर भी हमेशा रहती है मुस्कुराती , क्योंकि पुरुषों से महान है नारी । फिर भी मारा , पीटा जाता है , प्रताड़ित किया जाता है , पुरुषों द्वारा नारी को , ना जाने ये कब समझेंगे की , जीवन की दात्री है नारी ।
1

नारी की आवाज

20 सितम्बर 2022
10
7
8

नारी शक्ति का करो सम्मान , नारी को ऐसे धूतकारो ना तुम , तुम भी जन्मे एक नारी से , नारी की एहमियत मानो तुम ।जब तक नारी का सम्मान नहीं , तब तक हम आजाद नहीं , नारी भोग , विलासी ह

2

शर्मशार होती इंसानियत

23 सितम्बर 2022
1
2
2

धरती पर इंसानों का अस्तित्व एक बुद्धिजीवी जीव के रूप में हुआ है । इंसानों ने आदिकाल से आज तक अपने जीवन में बहुत बदलाव लाएं हैं । नई - नई खोज की , नए आविष्कार किए , जो किसी और जीव के लिए मुमकिन न

3

शक्ति और उपासना

26 सितम्बर 2022
6
4
2

Hello friendsशक्ति और उपासना पौराणिक समय से ही चली आ रही है । पहले के पूर्वज प्रकृति की उपासना करते थे फिर धीरे - धीरे मूर्तियों का प्रचलन हुआ । मनुष्य मूर्तियों की पूजा करने लगा । शक्ति और उपास

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए