उपन्यास। कंजर (यह पुस्तक पूरी तरह से काल्पनिक है। इसके पात्र, घटनाएं, नाम सब काल्पनिक हैं। अगर कहीं नाम या घटनाक्रम मिलता है तो ये मात्र संयोग हो सकता है।) वर्ष- 2018 ISBN-N. -978-93-5300-767-6 पुस्तक का नाम:- कंजर। लेखक:- नफे सिंह कादयान। गगनपुर, (अम्बाला) बराड़ा-133201, मो०-9991809577 E-mail-nkadhian@gmail.com, kadhian@yahoo.com, F.B.- nafe.singh85@gmail.com, Tw.– NSkadhianwriter@ कम्प्यूटर टाईप सैटिंग, टाईटल:- नफे सिंह कादयान। ,, प्रकाशक :- कादयान प्रकाशन बराड़ा अम्बाला। कार्यालय:- कादयान प्रकाशन, रामलीला ग्राऊड बराड़ा, अम्बाला (हरि०) मुद्रक:- चीमा प्रिन्टर, फोटो स्टेट बराड़ा, अम्बाला। ©कॉपीराइट व सभी कानूनी दायित्व:- लेखकाधीन। Print Book:-250/ रू. E-Book- 50/ रू. Foreign-15 $ कहने को तो देश आजाद हो चुका है मगर मगर दबे, कुचले, शोषित वर्ग आज भी गुलामी में जीवन जी रहे हैं। इस कहानी के पात्र वर्तमान समाज में दबंग शक्तिशाली लोगों द्वारा पैदा की गई समस्याओं से झूझते हुए अपने वजूद को बचाने के लिए संघर्ष करते हैं। दबंगई प्रवृति के साथ अगर प्रशासनिक शक्ति भी खड़ी हो जाए तो समस्या विकराल रूप धारण कर जाती है। ऐसे में कत्लोगारत बड़ता है जिसमें मानवता कराहने लगती है। यह कहानी उन शक्तिशाली लोगों की है जो स्वयंभू पंचायतों के माध्यम से निर्बलों पर अत्याचार करते हैं, स्वयं परस्त्रीगमन, दुराचार, भ्रष्टाचार मे लिप्त रहते हैं मगर दबे, कुचले वर्गो को तथाकथित गुनाहों की सजा देते हैं, फतवे जारी करते हैं
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