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ये नहीं है सिर्फ तुम्हारा वतन!

11 जून 2016

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featured imageये नहीं है सिर्फ, तुम्हारा वतन। है सभी का आज, ये पूरा वतन। है हिमालय एक रक्षक सा खड़ा, और सागर घेरता आधा वतन। शाम बेहद ही सुनहरा है यहाँ, आँख का ये एक ही तारा वतन। खूबसूरत है नजारा देख लो, देख लो कितना लगे न्यारा वतन। है खड़ा सेना सिमा पर जिस तरह, देख इनको नाज है करता वतन। उज्जवल भी और बेहद शांत भी, चाँद जैसा खूब चमकीला वतन। सैंकड़ों सर तो शुभम् के हैं कटे, जब कभी भी खून है माँगा वतन।  शब्दनगरी - प्रवेश कीजिये ये नहीं है सिर्फ, तुम्हारा वतन। है सभी का आज, ये पूरा वतन। है हिमालय एक रक्षक सा खड़ा, और सागर घेरता आधा वतन। शाम बेहद ही सुनहरा है यहाँ, आँख का ये एक ही तारा वतन। खूबसूरत है नजारा देख लो, देख लो कितना लगे न्यारा वतन। है खड़ा सेना सिमा पर जिस तरह, देख इनको नाज है करता वतन। उज्जवल भी और ये नहीं है सिर्फ तुम्हारा वतन

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ऐसा करो तुम मुझे भुला

14 मई 2016
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ऐसा करोए तुम मुझे भुला दो। गलती की है तो मुझे सजा दो। बहुँत तकलीफ देता हूँ तुझे मैंए अपने दिल से मेरी यादों को मिटा दो। खफा हो मुझसे ये मैं जानता हूँए यूँ न अपनी नज़रो से मुझे गिरा दो। बिछड़ने का इरादा तो तेरा ही थाए बेवफाई की बदनामी मुझपे न लगा दो। और कैसे भुलाऊँ मैं तेरे यादों कोए कोई रास्ता अब

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ये नहीं है सिर्फ, तुम्हारा वतन। है सभी का आज, ये पूरा वतन। है हिमालय एक रक्षक सा खड़ा, और सागर घेरता आधा वतन। शाम बेहद ही सुनहरा है यहाँ, आँख का ये एक ही तारा वतन। खूबसूरत है नजारा देख लो, देख लो कितना लगे न्यारा वतन। है खड़ा सेना सिमा पर जिस तरह, देख इनको नाज है करता वतन। उज्जवल भी और

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