नया वर्ष दस्तक देने को है फिर क्या सोचा है आपने अपने (संकल्प / रिजोलुशन ) या खुद से खुद के वादे के बारे में ? क्या है आपका आपसे वादा ? ये वादा टूट जाता है या अटूट रहता है ?
23 दिसम्बर 2015
नया वर्ष दस्तक देने को है फिर क्या सोचा है आपने अपने (संकल्प / रिजोलुशन ) या खुद से खुद के वादे के बारे में ? क्या है आपका आपसे वादा ? ये वादा टूट जाता है या अटूट रहता है ?
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पर्यटन-प्रशासन एवं प्रबंधन में यूजीसी-नेट उत्तीर्ण, एम.बी.ए. इन टूरिज्म-मैनेजमेंट(सीएसजेएम-कानपुर विश्वविद्यालय), मास्टर्स इन मास-कम्युनिकेशन(लखनऊ विश्वविद्यालय), दैनिक जागरण-यात्रा विभाग में बतौर लेखक (१ जून २००८ से १७ सितम्बर २०१५ तक ) ७ वर्ष, ३ माह एवं १७ दिन का कार्य-अनुभव, नई दिल्ली के प्रकाशकों द्वारा कुछ पुस्तकों का प्रकाशन जैसे - मैनेजिंग एंड सेल्स प्रमोशन इन टूरिज्म (अंग्रेज़ी), शक्तिपीठ (हिंदी) और फिल्म-पटकथा लेखन पर आधारित मौलिक गीतों युक्त हिंदी में लिखी पुस्तक- “देवी विमला”...एक साधारण भारतीय महिला की असाधारण कहानी, प्रख्यात गीतकार श्री प्रसून जोशी द्वारा एक प्रतियोगिता में चयनित सर्वश्रेष्ठ गीतों में से एक गीत शामिल, जागरण जोश के कवर पेज पर आल-एडिशन फोटो...D
<p>नव वर्ष की शुभकामनाये !संकल्प<span style="line-height: 1.42857143;"> टूटेगा या पूरा होगा ये इस बात पर निर्भर है की आप अपने संकल्प क प्रीति कितने समर्पित है आपकी इच्छाशक्ति आपके संकल्प की सफलता का मार्ग तय करती है .</span></p><span style="line-height: 1.42857143;"><br></span>
19 जनवरी 2016
सर्वप्रथम सभी को नववर्ष की शुभकामनाये और जहाँ तक प्रश्न है खुद से किये गए वादे की तो यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम इसे कितना महत्व देते है यदि महत्त्व ज्यादा है तो यह बना रहता है अन्यथा टूट जाता है|
9 जनवरी 2016
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं! सूरज की पहली किरण के साथ हर रोज एक नये दिन की शुरूआत होती हैं , जो अपने साथ नयी उमंगें, नयी तरंगें लेकर आती हैं, जो हमें अपनी गलतियाों को सुधारने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं और बदलने के लिये न्ी्य्त जरूरी हैं, साल का इंतजार नहीं और जो वादा स्वयं से न्््ी्््य्््त् से लिया जाता हैं हमेशा बरकरार रहता हैं विपरीत परिस्थितियों में भ्ी्...धन्यवाद!
30 दिसम्बर 2015
सबसे पहले तो चंद्रेश जी मैं आपको आने वाले साल के लिए देर सारी शुभकामनायें देती हूँ .... नया वर्ष मैं खुद से किया वादा और संकल्प तो हम हर साल करते है पर शायद निभाते काम ही हैं ... और ये निर्भर करता है की हम उसी दिल से निभाते है क्या दिमाग से ... वसे जो भी तो हर नया दिन एक नयी सोच नयी ताजगी लेकर aata है और हम सब को खुलकर जिन चाहिए .. जिओ और जीने दो .. खुश रहना चाइये ... खुद से किया वादा टूटता नहीं है उसे हम खुद तोड़ देते है या कहें कभी कभी हालत भी होते है ....
26 दिसम्बर 2015