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हर प्रकार के भय, विपत्ति और संशय का नाश होता है माँ दुर्गे के ३२ नामों की माला यानि दुर्गाद्वात्रिंशन्नाममाला से (चैत्र नवरात्रि पर विशेष)

8 अप्रैल 2016

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मान्यता है कि तीनों लोकों में हर प्रकार के भय, विपत्ति और संशय का नाश करने हेतु दुर्गाद्वात्रिंशन्नाममाला अर्थात् माँ दुर्गे के ३२ नामों की माला के समान कोई अन्य युक्ति नहीं है| यह पवित्र नाम स्वयं माँ दुर्गे ने देवताओं को बताये थे और कहा था कि मन से एकाग्र हो जो भी इन नामों को भजेगा उसे किसी भी प्रकार का भय नहीं सताएगा, उस पर कोई विपत्ति नहीं आयेगी और उसे कोई संशय भी नहीं होगा; इस सांसारिक जीवन में वह आध्यात्मिक सुख को प्राप्त करेगा| निश्चित ही किसी भी दु:ख, परेशानी या कठिनाई के समय इन नामों का यदि कोई भी उच्चारण करता है तो क्षण भर में ही उसके सभी दुःख दूर हो जाते हैं


माँ दुर्गे के ३२ नामों की माला यानि दुर्गाद्वात्रिंशन्नाममाला निम्नवत है:

1) दुर्गा      2) दुर्गार्तिशमनी  3) दुर्गापद्निवारिणी 4) दुर्गमच्छेदिनी  5) दुर्गसाधिनी    6) दुर्गनाशिनी  7) दुर्गतोद्धारिणी 8) दुर्गनिहन्त्री  9) दुर्गमापहा  10) दुर्गमज्ञानदा

11) दुर्गदैत्यलोकदवानला     12) दुर्गमा  13) दुर्गमालोका  14) दुर्गमात्मस्वरुपिणी 15) दुर्गमार्गप्रदा 16) दुर्गमविद्या 17) दुर्गमाश्रिता      18) दुर्गमज्ञानसंस्थाना 19) दुर्गमध्यानभासिनी

20) दुर्गमोहा  21) दुर्गमगा   22) दुर्गमार्थस्वरुपिणी  23) दुर्गमासुरसंहस्त्री  24) दुर्गमायुधधारिणी 25) दुर्गमांगी   26) दुर्गमता 27) दुर्गम्या  28) दुर्गमेश्वरी

29) दुर्गभीमा  30) दुर्गभामा 31) दुर्गभा     32) दुर्गदारिणी


नामावलिमाम् यस्तु दुर्गाया मम् मानवः पठेत सर्वभयांमुक्तो भविष्यति न संशयः||

चैत्रनवरात्रि की शुभकामनाएं...

|||जय माता दी|||

 
ओमकृष्ण

ओमकृष्ण

अति सुन्दर प्रस्तुति !

8 अप्रैल 2016

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रचनाएँ
aahwan
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विभिन्न सरोकारों हेतु दिल से किया गया आह्वान...
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छोड़ो धूम्रपान, चुनो जीवन का सोपान

18 दिसम्बर 2015
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युवा का अर्थ है– आकर्षण,समर्पण व विद्रोह जैसे भावों से बनी अतृप्त आग | ये आग जहां देश व दुनिया कोसंवारने का दम रखती है, वहीं धूम्रपान की प्रचंड हवा इसी आग से इसी देश व दुनियाको फूंक कर खाक़ भी कर सकती है | युवाओं से आत्म-आह्वान है कि देश में नई ऊर्जा-नईजान फूंकें; न कि खुद के, अपने माँ-बाप के या फिर

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नशे को बोलो ना, ज़िन्दगी को बोलो हाँ

19 दिसम्बर 2015
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सपनों की उड़ान को पंख देनेके लिए यूं तो आपके पास होंगे बहुत सारे पथ-प्रदर्शक | पर, ज़िंदगी के अगले किसी नकिसी मोड़ पर आपके सपनों की उड़ान का यह अनमोल पंख कट सकता है, अगर आप जुड़ जाएँ किसीनशे की लत देने वाले अंध पथ-प्रदर्शक से.....इसलिए...ऐसे अंध पथ-प्रदर्शकसे आप सदा रहो दूर और......आज ही...नशे को बोलो ना

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बेटा-बेटी के बीच का अंतर मिटाइए !!!

22 दिसम्बर 2015
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जब प्रतिभा / हुनर / कौशल बेटा-बेटीमें भेदभाव नहीं करता,फिर आप क्यों करते हैंबेटा-बेटी के बीच भेदभाव ???बेटा-बेटी के बीचका अंतर मिटाइए !!!अपने परिवार हीनहीं पूरे देश को खुशहाल बनाइए !!!!!!...देश एवं जनहित में जारी...

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नया वर्ष और खुद से खुद का वादा (संकल्प / रिजोलुशन ) टूट जाता है या जुड़ा रहता है ???

23 दिसम्बर 2015
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नया वर्ष दस्तक देने को है फिर क्या सोचा है आपने अपने (संकल्प / रिजोलुशन ) या खुद से खुद के वादे के बारे में ? क्या है आपका आपसे वादा ? ये वादा टूट जाता है या अटूट रहता है ?

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बच्चों को अनुशासित रखने की चाहत में न करें ये 4 गलतियाँ

30 जनवरी 2016
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तुलना न करें :हर बच्चे में अपनी स्वयं की प्रतिभा होती है| यह प्रतिभा पड़ोसी या रिश्तेदारोंके बच्चों में पाए जाने वाली प्रतिभाओं से बिल्कुल अलग होती है| इसलिए अपने बच्चेकी तुलना, दूसरे बच्चों के साथ करने से आप निश्चित ही उनके आत्मविश्वास को ठेस पहुंचातेहैं। और बार-बार बच्चों की तुलना करने पर उन्हें मह

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सुविचार !!!

4 फरवरी 2016
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आदरांजलि!!!

23 फरवरी 2016
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कल २२ फरवरी को महान संत रविदास जी की जयंती थी जिनकी सार्वभौमिकउक्ति विश्प्रसिद्ध है “मन चंगा तो कठौती में गंगा” अर्थात् अगर मन पवित्र हैसच्चा है तो गंगा स्वयं आपके पात्र आपके घर में बहती है| 

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25 फरवरी 2016
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पानी है अनमोल (विश्व जल दिवस 22 मार्च पर विशेष)

22 मार्च 2016
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मन में ले ये घोल, पानी है अनमोल, हर चीज़ चाहे तोल,पानी है अनमोल |मन की आखें खोल,विश्वयुद्ध का न हो रोल,खोल दे सबकी पोल,रे बावरे ! पानी है अनमोल कॉपीराइट@चंद्रेश विमलात्रिपाठी  

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सुविचार !!!

26 मार्च 2016
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सुविचार - थॉट ऑफ़ द डे

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वंदे मातरम् भारत माता की जय ( ॐ भूर्भुव स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् )

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पिक्चर एंड थॉट ऑफ़ द डे (वर्ल्ड हेल्थ डे : 2016 थीम- बीट डायबिटीज)

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तंदरुस्ती हज़ार नियामत! सच कहावत है स्वास्थ्य ही हमारी असल पूंजी है| स्वस्थशरीर में ही स्वस्थ मन विद्यमान होता है| स्वास्थ्य की इसी उपादेयता के मद्देनज़रहर वर्ष वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन (डब्ल्यू एच ओ) यानि विश्व स्वास्थ्य संगठन 7 अप्रैल को वर्ल्डहेल्थ डे (विश्व स्वास्थ्य दिवस) आयोजित करता है| विश्व मे

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हर प्रकार के भय, विपत्ति और संशय का नाश होता है माँ दुर्गे के ३२ नामों की माला यानि दुर्गाद्वात्रिंशन्नाममाला से (चैत्र नवरात्रि पर विशेष)

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“प्रतिभा अपनी राह स्वयं निर्धारित कर लेती है और अपना दीप स्वयं ले चलती है.” – विल्मट

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