मान्यता है कि तीनों लोकों में हर प्रकार के भय, विपत्ति और संशय का
नाश करने हेतु दुर्गाद्वात्रिंशन्नाममाला अर्थात् माँ दुर्गे के ३२ नामों की माला के
समान कोई अन्य युक्ति नहीं है| यह पवित्र नाम स्वयं माँ दुर्गे ने देवताओं को बताये थे और कहा था कि मन से
एकाग्र हो जो भी इन नामों को भजेगा उसे किसी भी प्रकार का भय नहीं सताएगा, उस पर कोई विपत्ति नहीं
आयेगी और उसे कोई संशय भी नहीं होगा; इस सांसारिक जीवन में वह आध्यात्मिक सुख को
प्राप्त करेगा| निश्चित ही किसी भी दु:ख, परेशानी या कठिनाई के समय इन नामों का
यदि कोई भी उच्चारण करता है तो क्षण भर में ही उसके सभी दुःख दूर हो जाते हैं
माँ दुर्गे के ३२ नामों की माला यानि दुर्गाद्वात्रिंशन्नाममाला निम्नवत है:
1) दुर्गा 2) दुर्गार्तिशमनी 3) दुर्गापद्निवारिणी 4) दुर्गमच्छेदिनी 5)
दुर्गसाधिनी 6) दुर्गनाशिनी 7) दुर्गतोद्धारिणी 8) दुर्गनिहन्त्री 9)
दुर्गमापहा 10) दुर्गमज्ञानदा
11) दुर्गदैत्यलोकदवानला 12)
दुर्गमा 13) दुर्गमालोका 14) दुर्गमात्मस्वरुपिणी 15) दुर्गमार्गप्रदा 16)
दुर्गमविद्या 17) दुर्गमाश्रिता 18)
दुर्गमज्ञानसंस्थाना 19) दुर्गमध्यानभासिनी
20) दुर्गमोहा 21) दुर्गमगा 22) दुर्गमार्थस्वरुपिणी 23) दुर्गमासुरसंहस्त्री 24) दुर्गमायुधधारिणी 25) दुर्गमांगी 26) दुर्गमता 27) दुर्गम्या 28)
दुर्गमेश्वरी
29) दुर्गभीमा 30) दुर्गभामा 31)
दुर्गभा 32) दुर्गदारिणी
नामावलिमाम् यस्तु दुर्गाया मम् मानवः पठेत सर्वभयांमुक्तो भविष्यति न संशयः||
चैत्रनवरात्रि की शुभकामनाएं...
|||जय माता दी|||