उसे इंतेज़ार रहता है उस इक हसीन लम्हे का । वो लम्हा जो शायद जिंदगी के मायनों से मिला दे , जिंदगी का मतलब बता दें या फिर जिंदगी के उन गुत्थियों को सुलझा दे जिनसे मुंह मोड़ लिया है उसने । अपनी ही दुनिया मे खोई कुछ अनदेखे ख्वाबों को खोजती वो बेसब्र मुन्तज़िर है किसी से मिलने के लिए , उसे यकीन है कि इस मिलन से एक दास्तां शुरू होगी ,कुछ ख्वाब ताबीर होंगे जिंदगी की उलझी हुई कुछ पहेलियों के मायने निकल आएंगे , इन मीठे सतरंगी ख्वाबों ने जैसे एक गुदगुदी सी कर दी हो और वो बेलौस हंस पड़ती है, फिर माथे पर आ गिरी एक लट को दाएं हाथ की अंगुलियों से वो सहेजते हुए अपनी हिरनी चपल आंखों से आस पास के माहौल को निहारती है । सब कुछ शांत है कुछ युगल जोड़े आपस मे बतियाने में लगे हुए हैं, वो मुस्कुराकर बाहर की ओर देखती है फिर एक बार अपने सोच के समुंदर में डूबने उतराने लगती है ~~
उधर वो भी अपने सफर को पूरा करने की ओर है , एक सफर जो काफी लंबा था , एक सफर जिसने शारीरिक तौर पर तो नही थकाया ,हां लेकिन जेहनी तौर पर उसे काफी थका दिया । बासफर वो इन्ही ख्यालों में उलझा रहा कि कैसे करेगा सामना पहली दफा उस नूर ए हूर से जिसके एक एक अल्फ़ाज़ पर वो फिदा होता आया है , कैसे देख सकेगा उन आंखों की तरफ जिसे तस्वीर भर में देखने मात्र से उसके रोंगटे खड़े हो जाते है , जिसकी तस्वीर देखकर वो दुनिया के पेंचोखम को बिसार देता है अब जब वो सामने होगी तो कैसे संभाल लेगा खुद को ,कैसे सामना करेगा उस आतिशी शख्सियत का , सांसे संभल तो जाएगी , धड़कनों पर इख्तियार तो हो ही जायेगा ना । पलकें मूंद कर वो यकीन दिलाता रहा खुद को हां बिल्कुल होगा, और बैकग्राउंड में एक नगमा जाने कहाँ से उसके कानों के रास्ते दिल मे पोशीदा होने लगा--आज उनसे पहली मुलाकात होगी, फिर आमने सामने बात होगी, फिर होगा क्या ,क्या पता ,क्या खबर ~~