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अनदेखी अनजाना~

10 अक्टूबर 2022

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उसे इंतेज़ार रहता है उस इक हसीन लम्हे का । वो लम्हा जो शायद जिंदगी के मायनों से मिला दे , जिंदगी का मतलब बता दें या फिर जिंदगी के उन गुत्थियों को सुलझा दे जिनसे मुंह मोड़ लिया है उसने । अपनी ही दुनिया मे खोई कुछ अनदेखे ख्वाबों को खोजती वो बेसब्र मुन्तज़िर है किसी से मिलने के लिए , उसे यकीन है कि इस मिलन से एक दास्तां शुरू होगी ,कुछ ख्वाब ताबीर होंगे जिंदगी की उलझी हुई कुछ पहेलियों के मायने निकल आएंगे , इन मीठे सतरंगी ख्वाबों ने जैसे एक गुदगुदी सी कर दी हो और वो बेलौस हंस पड़ती है, फिर माथे पर आ गिरी एक लट को दाएं हाथ की अंगुलियों से वो सहेजते हुए अपनी हिरनी चपल आंखों से आस पास के माहौल को निहारती है । सब कुछ शांत है कुछ युगल जोड़े आपस मे बतियाने में लगे हुए हैं, वो मुस्कुराकर बाहर की ओर देखती है फिर एक बार अपने सोच के समुंदर में डूबने उतराने लगती है ~~

उधर वो भी अपने सफर को पूरा करने की ओर है , एक सफर जो काफी लंबा था , एक सफर जिसने शारीरिक तौर पर तो नही थकाया ,हां लेकिन जेहनी तौर पर उसे काफी थका दिया । बासफर वो इन्ही ख्यालों में उलझा रहा कि कैसे करेगा सामना पहली दफा उस नूर ए हूर से जिसके एक एक अल्फ़ाज़ पर वो फिदा होता आया है , कैसे देख सकेगा उन आंखों की तरफ जिसे तस्वीर भर में देखने मात्र से उसके रोंगटे खड़े हो जाते है , जिसकी तस्वीर देखकर वो दुनिया के पेंचोखम को बिसार देता है अब जब वो सामने होगी तो कैसे संभाल लेगा खुद को ,कैसे सामना करेगा उस आतिशी शख्सियत  का , सांसे संभल तो जाएगी , धड़कनों पर इख्तियार तो हो ही जायेगा ना । पलकें मूंद कर वो यकीन दिलाता रहा खुद को हां बिल्कुल होगा, और बैकग्राउंड में एक नगमा जाने कहाँ से उसके कानों के रास्ते दिल मे पोशीदा होने लगा--आज उनसे पहली मुलाकात होगी, फिर आमने सामने बात होगी, फिर होगा क्या ,क्या पता ,क्या खबर ~~

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

बहुत खूबसूरत लिखा है आपने 😊🙏

23 अगस्त 2023

काव्या सोनी

काव्या सोनी

Bahutttttttt hi khubsurati se likha aapne khyalo ko aapne shabdo me sajaya hai behtreen prstuti aapki

10 अक्टूबर 2022

Vijay

Vijay

I think it's most relevant story of every individual in this contemporary virtual world. Very nice💐

10 अक्टूबर 2022

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रचनाएँ
स्वयं से स्वयं तक~
5.0
स्वयं से की गयी बातचीत और ईमानदार साक्षत्कारों के कुछ चुनिंदा अंश इस पुस्तक में संग्रहित हैं ।
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एक जंगल~

7 अक्टूबर 2022
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एक जंगल उसके जेहन में अक्सर घूमता है । बियावान , भयानक, दुर्दम्य जंगल । सिंह , भालू, अजगर , हाथियों से भरा जंगल । बड़े बड़े वृक्ष ,इतने बड़े और घने कि सूरज की रोशनी तक जमीन से ना मिल पाये ।घास इतनी विशाल

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सुकून~

9 अक्टूबर 2022
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वहां कौन है तेरा मुसाफिर जाएगा कहाँ, दम ले ले घड़ी भर ये छैया पायेगा कहा ।इस नग़मे में नायक को जीवन के सफर में दौड़ते हुए सुकून की छांव की इत्तला दी जा रही है ।जी हां सुकून !! जो पसर जाए तो मानो हर

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अनदेखी अनजाना~

10 अक्टूबर 2022
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उसे इंतेज़ार रहता है उस इक हसीन लम्हे का । वो लम्हा जो शायद जिंदगी के मायनों से मिला दे , जिंदगी का मतलब बता दें या फिर जिंदगी के उन गुत्थियों को सुलझा दे जिनसे मुंह मोड़ लिया है उसने । अपनी ही दुनिया म

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व्यसन !

25 अक्टूबर 2022
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व्यसन (बुरी लत)पृथ्वी पर जीवन के आविर्भाव के वैज्ञानिक और आध्यत्मिक दोनों ही दृष्टिकोण हैं । इसमें एक बात तो तय है कि एक जीव मात्र से जीवन के निर्माण तक का सफर मनुष्यता की सबसे महान उपलब्धियों में से

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डिजिटल मुद्रा~

2 नवम्बर 2022
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डिजिटल मुद्रा~भारतीय इतिहास में मुद्राओं की एक विशिष्ट भूमिका रही है । प्राचीन कालीन शासकों की उपाधि और राजनीतिक विस्तार के साथ साथ मुद्राएं आर्थिक और धार्मिक-सांस्कृतिक स्थिति की गवाही देती आयी हैं ।

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समान सिविल संहिता~

6 नवम्बर 2022
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आज़ादी की क़वायद के दौर में और उसके बाद की सर्वप्रमुख उपलब्धियों में से एक भारतीय संविधान का निर्माण करना और उसका लागू होना रहा है । संविधान का 'चौथा भाग' नीति निर्देशक सिद्धान्तों के रूप में राज्

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निजीकरण का विचार~

8 नवम्बर 2022
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निजीकरण~एक घटित हुई सच्ची कहानी स्मरण हो आती है गांव के उस सबसे बड़े परिवार की जिसकी धनाढ्यता बहुत विख्यात थी । फिर ऐसा हुआ कि संसाधनों की अतिशयता ने उस बड़े संयुक्त परिवार के लोगों को निठल्ला बना

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शिक्षा मानवीयता का आधार~

11 नवम्बर 2022
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शिक्षा मानवीय विकास का आधार है । वास्तव में यह उस हस्तांतरित ज्ञान के रूप में है जिससे आगे की पीढियां जीवन को सार्थक रूप में जीने की कला से साक्षात करती हैं । शिक्षा परिचित कराती है नवीन पीढ़ियों को उस

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सरकार और न्यायापालिका

30 नवम्बर 2022
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सरकार और न्यायपालिका ~किसी भी परिवेश ,समाज के संचालन के लिए व्यवस्था एक अनिवार्य तत्व है । व्यवस्था के इस निर्वहन की जिम्मेवारी शाश्वत रूप से राज्य की ही रही है । वर्तमान समय में संवैधानिक व्यवस्था के

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विश्व एड्स टीका दिवस~

18 मई 2023
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ईश्वर ने जीवन का अनमोल उपहार मानव जाति को दिया है । जीवन एक प्रवाह है , इसकी गत्यात्मकता में ही इसकी सुंदरता का वास है । भारतीय मनीषियों ने भी जीवन के स्वरूप को समझने के क्रम में अगाध चिंतन किया है ।

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