रिबिका के बारे में नेहा नही जानती थी | लेकिन शायद वो लडके जानते थे जो रिबिका को चोर आँखों से डरते हुए देख रहे थे | रिक्शा वाला भी ख़ुशी से देख रहा था और बोल रहा था कि आज तो इस कि खेर नही |
लडके :- दीदी ये जनता नही हैं आप को | आप इसे माफ़ कर दीजिये हम यहाँ पर दोबारा नही आएंगे | चाहे कुछ भी हो जाये | प्लीज आप हमे माफ़ कर दे |
दूसरा लड़का :- अभे इतनी माफ़ी क्यों मांग रहे हो तुम | प्राइम मिनिस्टर कड़ी हैं क्या कोई जो ऐसे ये सब गिडगिडा रहे हो | बस इतना सुनते ही रिबिका ने उस कि पीठ पर जोर से अपनी लात जिस वजह से वो निचे गिर गया | और फिर रिबिका आगे बढ़ कर उस को मारने और पीटने लग गयी | वो लड़का भी आगे से वार करने ही लगा था कि तभी दोनों लड़के जो माफ़ी मांग रहे थे वो बोले |
दोनों लडके :- पागलपन मत कर जिस पर हाथ उठा ने वाल्ला हैं तू वो रिबिका शर्मा हैं | पता नही नही क्यों उस लड़के के हाथ वही पर रुक गये और वो कुछ नही बोला और रिबिका उस को थपड पर थपड मार रही थी और बोल रही थी तुम लडको को मर्दानगी सिर्फ बिस्टर पर दिखानी आती हैं क्या ? इतना पता नही कि रेप कि दर कितनी बढ़ चुकी हैं लडकिय डरती हैं बाहर आने से और तुम लोग अभी भी बाज़ नही आये | इतनी मुश्किल से ये ,मंदिर साफ़ किया था और अब फिर से तुम, लोग वहीँ गंद मचा रहे हो | कोण हैं तुम्हारा लीडर बता मुझे मैं बात करती हूँ उससे | तभी वो लड़का रिबिका के कदमो में गिर जाता हैं और कहता हैं |
लड़का :- मैं सिर्फ आप को देखना चाहता था | इसलिए सब किया | इतना सुन कर रिबिका उस लडके का कॉलर पकड़ कर खड़ा करती हैं और कहती हैं मैं कोई मयुजिय्म नही हूँ जो तुम देखना चाहते थे | आयेंदा तुम में से कोई भी मुझे यहाँ दिखा तो मैं तुम लोगो को काट डालूंगी | समझ आई | निकलो यहाँ से | इतना सुनते ही तीनो वहां से भाग गये |
लड़के :- लड़के आपस में बात करने लगे अच्छा हुआ उस कि बहन साथ थी वरना आज हम लोगो कि फोटो पर हार चढ़ गया था जैसे उस कि फोटो पर हैं | अब यहाँ पर कभी नही आयेंगे |
नेहा :- इतना ओवर रियेक्ट करने कि जरूरत नही थी | और तुम ने कब से ये मारा मारी शुरू कर दी | गुंडों से कब से भिड़ने लग गयी | और मंदिर साफ़ किया मतलब | दीदी कोण हो तुम ? मैं तुम को नही जानती |
रिबिका :- रिबिका नेहा कि बातो को सुन कर अनसुना कर देती हैं और कहती हैं कि चलो कॉलेज के लिए लेट हो रहे हैं |
नेहा :- रिबिका चल रही होती हैं पर नेहा वही पर कड़ी रह बोलती हैं | अगर कुत्ते भोकेंगे तो क्या हम भी भोंके | उनका काम हैं ये |
रिबिका :- कुत्तो बदनाम मत करो | किस्मे होती हैं कुत्तो की | जो अच्छी नसल होगी उसे पालते हैं लोग और अच्छी नही हैं उससे मरते हैं लोग | पागल कुत्तो का खत्म करना जरुरी हैं वरना हम ख़त्म हो जायेंगे |
नेहा :- कैसी बाते कर रही हो तुम दीदी | गुंडे हैं वो | हेरोगिरी हार जगह नही दिखाई जाती | लड़की हो तुम और वो 3 लडके थे खुदा न खस्ता अगर वो कुछ कर देते तो क्या होता ?
रिबिका ;- हीरो गिरी नही दिखा रही थी मैं | ये जो तुम्हारी आँखों में आंसू हैं न इन कि वजह से भिड़ी मैं | और मुझे कोई शोंक नही हैं लड़ने का पर जब लडकिय खुद ही बेचारी सी बन कर खड़ी हो जाती हैं तो बुरा लगता हैं | | तुम्हारे रोने कि वजह से मैंने ये सब किया | अब चल रिक्शा में बैठ |
नेहा :- मैं बेचारी बन कर नही रोई थी बल्कि तुम्हारे हाथ से खून निकल रहा हीन इस लिए मुझे रोना आ गया | इतना सुनते ही रिबिका ने अपना हाथ देखा तो खून आ रहा था |
रिबिका :- अच्छा ठीक हैं | मुझे कुछ और लगा | चल छोड़ अब चल लेट हो रहे हैं | इतना कहते हुए दोनों चल पडती हैं और नेहा कहती भाई पहले हॉस्पिटल ले चलो | रिबिका नेहा कि तरफ देख कर कहती हैं क्यों ? हॉस्पिटल क्यों जाना हैं नेहा |
नेहा :- आप कि ड्रेसिंग करवानी हैं पहले| फिर यूनिवर्सिटी आज्येंगे |
रिबिका :- नही उस कि जरूरत नही हैं मैं ठीक हूँ अभी रुमाल बांध लुंगी तो ठीक हो जायेगा | इतना बोलते हुए रिबिका ने हाथ में रुमाल बांध लिया और इस बात पर रिक्शा वाला खुश हो गया और उसने रिक्शा स्टार्ट की और चल पड़े | रिबिका जानती थी कि अनजाने में सब कुछ नेहा के सामने ही हो गया जब कि मुझे अपने गुस्से पर थोडा सा ध्यान रखना चाहिए था | अब ये मुझ से बहुत सवाल पूछेगी और मैं कोई भी जवाब नही दे पयुंगी | और वही हुआ|
नेहा :- दीदी आप कुछ पूछना हैं |
रिबिका :- न चाहते हुए भी बोलो क्या पूछना हैं अब तूमको |
नेहा :- दीदी अब तक आपकी ग्रेजुएशन कम्पलीट हो जनि थी फिर आप दो साल फ़ैल कैसे हुयी |
रिबिका :- अगर पडूँगी नही तो फ़ैल तो होउंगी ही न मैं |
नेहा :- कॉलेज कि टोपर रह चुकी हैं आप और आप नही आप नही पढ़ती होगी | इस बात को मैं मान ही नही सकती | आँखों पर इतने मोटे मोटे चश्मे लगे हैं किताबो के इलावा और कुछ कभी पकड़ा नही तो आप फ़ैल कैसे हो सकती हैं | मैं यहाँ पर 6 महीने पहले ही आई हूँ | मुझे सब कुछ जानना हैं कि पिछले 5 साल में क्या हुआ जो अप इतनी बदल गयी |
रिबिका :- ऐसा कुछ नही हैं | मैं वैसी ही हूँ जैसी तू छोड़ कर गयी थी तब उम्र छोटी थी तो मेरा दिमाग वैसा था पर अब सब कुछ चेंज हो चूका हैं | उम काफी टाइम बाद आई हो इसलिए तू को अलग लग रहा हैं | तभी कॉलेज आ जाता हैं और दोनों उतर जाती हैं | तुम चलो अनर मैं पैसे देकर आती हूँ और मुझ से अब दूरी बना कर रखना | पैसे निकल कर अपने बैग से रिबिका रिक्शा वाला को पकड़ती हैं और कहती हैं ये लो भाई आप के पैसे और माफ़ करना हमारी वजह से आप का टाइम भी ख़राब हो गया | इतना कह कर रिबिका जाने लगती हैं कि तभी रिक्शा वल्ला कहता हैं |
रिक्शा वल्ला :- बहन कुछ जानती नही हैं क्या ? आप ने उस को कुछ नही बताया क्या अपने बारे में | इतना सुन कर रिबिका वहीँ पर रुक जाती हैं और उस कि आँखे लाल हो जाती हैं और वो रिक्शा वाला कि तरफ मुडती हैं और उस को घूर कर देख कर कहती हैं अपने काम से काम रखो | वरना ये मत भूलना कि 6 खूनो कि सजा भी फंसी ही हैं और एक खून कि भी | अगर कुछ भी दिमाग में चल रहा हैं जो कि सही नही हैं तो उसे वही पर रोक दो वरना तो तुम जानते ही हो औकात वालो को औकात में मैं कैसे लाती हूँ | इतना बोल कर रिबिका रिक्शा वाले कि तरफ देखती रहती हैं और रिख्सा वाला डर जाता हैं और कहता हैं और चला जाता हैं | रिबिका इधर उधर देख कर अंदर आ जाती हैं लेकिन पीछे उसे कोई देख रहा था |
नेहा :- नेहा किसी पर फोन पर कहती हैं कि आज का प्लान सक्सेसफुल रहा | अगर ऐसा ही रहा तो हम जल्द ही सब कुछ पता कर लेंगे | तभी रिबिका भी अंदर आ जाती हैं और नेहा भी उस के साथ हो जाती हैं और कहती हैं बोलो न दीदी आप इतन अक्सी बदल गयी | आप को देख कर कॉलेज वाले भी डरते हैं | सब आप से दूर भागते हैं | बड़े बेटी और छोटे दीदी के इलावा नही बोलते | आप सब में इतनी फेमस क्यों हैं दी | बतायो न नेहा जिद करती हुयी कहती हैं | लेकिन रिबिका कुछ नही बोलती और कहती हैं |
नेहा फिर बोलती हैनं वाओ दीदी जैसी किस्मत आप कि हैं वैसी ही किस्मत मेरी हो | तो कितना अच्छा हो | हे भगवान् मेरी किस्मत भी दीदी कि किस्मत जैसी कर दो ना प्लीज | इस बात पर रिबिका को गुस्सा आ जाता हैं और वो कहती हैं |
रिबिका :- बकवास बंद नही कर सकती न तुम | मागने वाली चीज़ मानगो | ये मागने वाली चीज़ हैं क्या ? मुझ जैसी किस्मत तो भगवान किसी कि भी न करे | रिबिका को इतने गुस्से में देख कर नेहा हेरान हो जाती हैं और कहती हैं कि |
नेहा :- ऐसा भी क्या कह दिया मैंने दीदी जो आप इतन अरेअक्ट कर रहे हो | किस्मत ही तो मांगी हैं न मैंने | नेहा ने हेरान होते हुए कहा |
रिबिका :- मैं नही छाती कि तुम कुछ ऐसा मानगो तो मुझे अच्छा न लगे |
नेहा :- आप के जरुर कुछ हुआ हैं | आप मुझ से कुछ छुपा रही हैं | नेहा झट से बोल पडती हैं |
रिबिका :- रिबिका खुद को शांत करते हुए कहती हैं नही इअसा कुछ नही हैं | मैं नही चाहती कि जो मेरी चीज़ हैं वो किसिस और भी हो बस इसलिए | तुम जानती हो कि मैं अपनी हार चीज़ को ले कर कितना पोस्सेसिव हूँ बस इसलिए | तुम बेफिक्र हो कर जयो और प्लीज इस चैप्टर को यहीं पर क्लोज कर दो | पेपर के लिए बेस्ट ऑफ लक | इतना कह कर रिबिका अपनी क्लास में चली जाती है और लेकिन नेहा नही जाती वो वही पर खड़ी रहती हैं और रिबिका कि तरफ देखती रहती हैं कि और खुद से कहती हैं कि
नेहा अपने आप से कहती हैं कुछ तो हैं दीदी जो आप मुझसे छुपा रही हो | कोई तो बात हैं जो मुझे नही पता | मुझे पता तो चल ही जायेगा आखिर कब तक मुझ से छुपा कर रखोगी | कभी तो तुम को बताना होगा मुझे | और अगर तुम नही बतायोगी मैं खुद ही पता कर लुंगी लेकिन पता तो मैं कर के ही रहूंगी | चाह्हे कुछ भी हो जाये | इतना तो कन्फर्म हैं कि कुछ तो हुआ हैं आप कि लाइफ जिस वजह से आप ऐसी हैं क्यों कि इतनी पड़ने वाली लड़की और अपनी एम्स को इतना सीरियस लेने वाली लडकी फ़ैल हो जाये वो भी 2 बार | ये तो सोचने वाली बात हैं | जो लडकी अपनी छोटी सी इन्सुल्ट नही सहन नही करती थी वो फ़ैल होने कि इन्सुल्ट कैसे बर्दाश्त करेगी | जिस लडकी ने कभी भी मछर तक न मारा हो वो भला लडको को कैसे मार सकती हैं | बहुत कुछ हुआ हैं पर मैं जानती हूँ कि क्या हुआ हैं ? पर मैं जान कर ही रहूंगी कि कुछ तो हुआ है जो समझ नही आ रहा | हार कोई आप को जनता हैं आपसे डरते हैं सब | पर प्यार भी सब ही करते हैं | एक माफिया जैसा हाल हैं आप का दीदी | जिसे बोलने तक कि तमीज नही वो उसे सब चाहते हैं | मेरा इतना कहने पर ही भड़क पड़ी कि मेरी किस्मत आप जैसी हो तो कुछ तो हुआ हैं | और मेरा आप से वादा हैं दीदी कि मैं पता लगा कर ही रहूंगी |
मम्मी पापा जो आप से ढंग से बात तक नही करते लेकिन अगर मैं आप को कुछ कहूँ तो दोनों कि ही आँखों में गुस्सा आ जाता हैं अजैसे आज सुबह पापा को मुझ पर आया था जब मैंने आप को गलत बोला था | आखिर हो क्या रहा हैं प्यार तो हैं पर कोई दिखा नही रहा | नफरत का नकाब ओढे हुए हैं जो कि सच नही हैं | ईतना खुद से बोल कर नेहा अपनी क्लास में चली गयी |
रिबिका क्लास में जाने ही वाली थी कि तभी आगे से किसी ने रिबिका को आवाज लगई | रिबिका रुक गयी और बोली हांजी सर आपने बुलाया |
सर :- मेरे केबिन में आयो |
रिबिका :- ओके सर इतना कह कर रिबिका सर के काबिन मैं चली गयी और बोली हांजी सर |
सर :- सर सर क्या लगा रखा हैं | मंजीत बुलायो मुझे | इतन्स बोल कर रिबिका के पास आ गया और बोला सर थोडा ओड लगता हैं इसलिए मुझे मंजीत ही कहो यहाँ पर कोई नही हैं \ बाहर सर वाली फॉर्मेलिटी कर लिया करो पर अंदर तो बीएस मंजीत ही कहा करो तुम मुझे | इतना सुन कर रिबिका सर कि तरफ देखने लग जाती हैं पर कुछ रियेक्ट नही करती |
इधर नेहा क्लास में चली जाती हिन् और सब कहती हैं कि आज ये सब हुआ सुबह यूनी में आते समय तो नेहा का दोस्त प्रीत कुछ ऐसा कह देता हिन् कि सब चुप हो जाते हैं और प्रीत कि तरफ देखने लग जाते हैं | नेहा भी गुस्से में आ जाती हैं और कहती हैं तुम्हारा क्या मतलब हैं ?? नेहा को गुस्से में देख कर सब चुप हो जाते हैं |