चाहतें
किसी को कुछ, किसी को कुछ, किसी को कुछ, नहीं मिलता,यही दस्तूर है दुनिया का, कि सब कुछ नही मिलता,मुझे सब कुछ है वो हासिल , जो तेरा ख्वाब हो शायद,मगर जिस पल का मुन्तज़िर हूँ ,वही लम्हा नही मिलता,हज़ारों पाल लीं ख्वाहिश, हज़ारों पाल लीं मुश्किल ,फसें हैं उस भँवर में की , कह