किसानों के खेतों की सिचाई मुफ़्त में करने की सरकार की घोषणा बेमानी साबित हुई,जब पता चला कि केवल नहर और सरकारी ट्यूबबैल से सिचाई ही इसके तहत आती है।निजी नलकूप के बिल यथावत जारी रहेगे।अब 7.5 हार्स पावर से कम बिजली कनेक्शन निजी नलकूप के लिए नहीं होगे।यदि किसी किसान के खेत में छोटी बोरिग है,जिसमें 5 हार्स पावर की मोटर से काम लायक सिचाई हो सकती है तो उसे अधिक बिल भरने को क्यों बाध्य किया जा रहा है ?