ग्राम पंचायत में खुली बैठक के माध्यम से सघन जनसहभागिता सुनिश्चित करने का काम किया जाना चाहिए।निष्पक्ष कार्य चयन करने के बाद प्राथमिकता के आधार पर क्रमबद्ध तरीके से पारदर्शिता के साथ गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य शुरू करने होगे।तकनीकी मानिट्रिग और जनसहयोग का तात्पर्य किसी भी दशा में ग्राम पंचायत के अधिकारों पर अतिक्रमण न समझा जाए।ग्राम पंचायत के निर्वाचित सदस्यों को शामिल कर बनाई गई समितियों के सुझावों पर गंभीरता से विचार होना चाहिए।उनके सुझाव को कार्ययोजना बनाते समय चर्चा का विषय बनाया जा सकता है ,जिसे ग्रामीण विकास पुस्तिका में भी स्थान दिया जा सकता है।समाज के अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक ग्रामीण विकास मंत्रालय की योजना पहुँच सके,इसके लिए उसे भी ग्राम पंचायत समिति में शामिल किया जाना चाहिए।गाँव के पढ़े लिखे नौकरीपेशा,सेवानिवृत्त सैनिक और अन्य अनुभवी निवासियों को भी बैठक में आमंत्रित किया जाना चाहिए ताकि उनके अनुभवों का लाभ उठाया जा सके।पक्ष विपक्ष की गुटबाजी से ऊपर उठ कर ही सम्पूर्ण ग्राम विकास का सपना साकार हो सकता है।