वर्षा ऋतु पेड़ पौधा रोपड़ के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है।इस समय वातावरण में पर्याप्त नमी होती है जिससे पेड़ पौधों को जीवित रहने की संभावना अधिक रहती है।बीच बीच में बारिश होने से उनकी पानी की आवश्यकता भी पूरी हो जाती है।जिस स्थान पर पौधारोपण करना है वहाँ डेढ फिट लम्बा,डेढ फिट चौड़ा और डेढ फिट गहरा गड्ढा खोदकर उसमें रेत-सड़े गोबर की खाद का मिश्रण आधी गहराई तक भर दें।अब पौधे को उसमें रखकर बाकी मिट्टी से भरे फिर उसमें पानी डाल दें।कुछ बाकी मिट्टी से चारों ओर थाबला बना कर उसमें पानी रूकना सुनिश्चित करने का काम करें।अब समय समय पर उसकी निराई गुड़ाई करके आवश्यकतानुसार पानी डालकर पशुओं से सुरक्षा हेतु ट्री-गार्ड की व्यवस्था भी अवश्य करें।यदि गड्ढा खुदाई का कार्य वर्षा ऋतु से तीन माह पूर्व कर दिया जाता है तो यह और भी प्रभावी ढंग से पौधारोपण सुनिश्चित करता है।हमारे वायुमंडल को आक्सीजन देकर शुद्ध रखने में सहायक पेड़ ,हमारी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति भी करते हैं।अत्यंत खेद का विषय है कि विकास की दौड़ में प्रकृति का विनाश हो रहा है,पेड़ लगते कम हैं कटाव ज्यादा होता है।ऐसे में वृहद पौधारोपण आज की जरूरत बन गया है।