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नीलकाश धनुष

10 जनवरी 2025

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हमारी कहानी शुरू होती है। सब्जी बेचने वाले नील से।

नील एक ग़रीब और अनाथ लड़का है जो कि सब्जियां बेचकर अपना गुजारा करता है। दरअसल, उसकी अपनी थोड़ी सी जमीन है जिस पर वह सब्जियां उगाता और शहर में बेचने जाता। एक वर्ष उसके गांव में सूखा पड़ जाने की वजह से उसकी ज़मीन बंजर हो जाती है। बंजर जमीन की तरह उसकी जिंदगी भी बंजर हो जाती है। गांव में खाने के लाले पड़ जाते हैं। कुछ दिन तो वह बचे-खुचे अनाज से दिन निकाल लेता है। पर एक दिन उसके पास खाने के लिए अनाज का एक भी दाना नहीं था। उसके पास धन और अनाज दोनों खत्म हो चुके थे। फिर वह कुछ और काम की तलाश में दूसरे राज्य में जाता है। नील धिनोज राज्य में पहुँच जाता है। वह राज्य में पहुँचता है तो वह देखता है कि दो-चार लोगों की भीड़ जमा हो रखी थी। नील उनके पास जाता है तो वह लोग महज़ इकट्ठा होकर बातें कर रहे थे कि राजकुमारी ने अपने स्वंवर के लिए शर्त रखी है। जो कोई उसके दरबार में नीलकाश धनुज लाएगा, वह उससे शादी कर लेगी। वैसे यह नीलकाश धनुज है क्या? क्या राजकुमारी नीले रंग का धनुज चाहती है? अरे नहीं, तुम पागल हो क्या? वह सिर्फ नीले रंग का धनुज थोड़ी चाहती होगी। वह एक राजकुमारी है, वह हीरे-मोती से जड़ी कोई महंगी चीज़ चाहती होगी।

नील: "(अपने मन में) क्या सच में? इनमें किसी को नीलकाश धनुज के बारे में नहीं पता। पर यह बात मज़ेदार है, क्योंकि इनके तर्क काफी हास्य में हैं। चलो, लगाने दो इन्हें तर्क, मैं चलता हूँ जहाँ से।

वह वहाँ से आगे चला जाता है, वह आगे जाकर एक आदमी से टकराता है।

व्यक्ति: अरे, संभल कर मेरे भाई।

नील: "अम्म, मेरे ख्याल से संभल कर तुम्हें चलने की जरूरत है महाशय।

व्यक्ति: "वैसे इसे पहले मैंने तुम्हें कभी नहीं देखा।

नील: "मेरा नाम नील है, मैं इस राज्य में नया आया हूँ, काम की तलाश में।

व्यक्ति: "तो क्या काम करोगे?

नील: "जो काम आप दे सकें वही।

व्यक्ति: "बड़े हाज़िरजवाबी हो भाई।

नील: "शुक्रिया, वैसे आपकी तारीफ़।

व्यक्ति: "मेरा नाम शतीस है। चलो, तुम मेरे साथ, मैं तुम्हें काम दूंगा।

नील: "जी हजूर।

नील शतीस के साथ चला जाता है। वह उसे अपने घर ले जाता है। वह दोनों साथ मिलकर चाय पीते हैं।

शतीस: "तुम्हें हमारा राज्य कैसा लगा?

नील: "सच कहूँ तो राज्य की सुंदरता बहुत अच्छी है, राज्य के पास हरियाली है, एक सुंदर झरना है, पेड़-पौधे हैं और सुंदर पक्षी हैं। और हरे-भरे खेत हैं।

शतीस: "मैंने इसे पहले इतनी गहराई से हमारे राज्य की इतनी ज्यादा तारीफ कभी नहीं सुनी। तुमने एक दिन में ही राज्य की सुंदरता को निहार लिया। मेरे ख्याल से तुम्हें वातावरण से प्यार है।

नील: "शायद है।

शतीस: "राज्य तो ठीक है और बताओ, हमारे राज्य के लोग कैसे लगे?

नील: "झूठ कहूँ तो मुझे तुम्हारे राज्य के लोग बहुत अच्छे लगे।

शतीस: "और अगर सच कहोगे तो?

नील: "सच तभी कहूँगा अगर आप बुरा न मानें तो।

शतीस: "मैं सच सुनने और कहने में यकीन रखता हूँ।

नील: "तुमसे पहले मैं सिर्फ चार लोगों से मिला हूँ, वे व्यस्त थे बातें करने में, मैंने उन्हें परेशान करना जरूरी नहीं समझा। और पांचवे आप हो जनाब जो कि बहुत अच्छे हैं।

शतीस: "मैं कुछ समझा नहीं कि तुम कहना क्या चाह रहे हो।

नील: "कहने का भाव यह है जनाब, मैंने सिर्फ आपके साथ ही बैठकर बातचीत की है। एक इंसान के स्वभाव को दर्शाती है उसकी भाषा। तो हम किसी से बातचीत करने के बाद ही कह सकते हैं कि व्यक्ति अच्छा है या बुरा।

शतीस: "हाँ, यह बात तो सही है तुम्हारी। वैसे तुम्हारी हाजिरजवाबी देखकर अब मुझे लगता है कि मैंने तुमसे यह सवाल क्यों किया। तुम तो आज ही इस राज्य में आए हो। और किसी को जानते भी नहीं। लेकिन फिर भी तुमने बहुत अच्छा जवाब दिया।

नील: "शुक्रिया हजूर।

शतीस नील को अपने वाड़े में ले जाता है। वह नील को अपनी गायों की देखभाल का काम सौंपता है। नील पूरे पंद्रह दिन तक शतीस के घर उसके सौपे हुए काम को बड़ी मेहनत और लगन से करता है। शतीस कभी-कभी उसे अपने बाज़ार ले जाता है। शतीस आगे निकल जाता है लेकिन नील पीछे रह जाता है, वह लोगों की बातें सुनकर हंसता। वे लोग नीलकाश को पता नहीं क्या- क्या ही बता रहे हैं।

शतीस (पीछे देखता है): तुम मेरे पीछे-पीछे क्या कर रहे हो? और तुम हंस क्यों रहे हो?

नील उसे लोगों की बातें बताता है। शतीस उसे सच बताता है कि दरअसल, उसे भी नहीं पता कि यह नीलकाश धनुज है क्या? आखिरकार राजकुमारी इसे क्यों चाहती होगी।

नील: "क्या सच में तुम्हें भी इसके बारे में नहीं पता?

शतीस: "हाँ, सच में नहीं पता।

नील: "असल में नीलकाश कोई निर्जीव वस्तु नहीं है।

शतीस: "तो क्या यह सांस ले सकता है? तो क्या यह चल फिर सकता है बिलकुल हमारी तरह?

नील: "नहीं, बिलकुल नहीं।

शतीस: "तो फिर वो क्या है?

नील: "जिसे हम देख सकते हैं, उसे छू नहीं सकते। यह प्रकृति द्वारा बनाई जाती है।

शतीस: "तो क्या तुम उसे राजकुमारी के महल में ले जा सकते हो?

नील: "नहीं, बिलकुल नहीं।

शतीस: "तो फिर?

नील: "असल में राजकुमारी बुद्धिमान हैं, उसने जानबूझकर ऐसी शर्त रखी है।

शतीस: "मेरे ख्याल से तुम्हें एक बार महल में जाना चाहिए। अगर तुम कोई शर्त पूरी कर दोगे तो तुम्हें आधा राज्य मिल सकता है।

शतीस उसे महल में ले जाता है। सिपाही उन दोनों को दरबार में ले जाते हैं। शतीस दरबार में जाकर राजा से कहता है कि मेरा दोस्त राजकुमारी की शर्त पूरी कर सकता है। राजकुमारी हंसने लग जाती है।

राजकुमारी: "आपका दोस्त दिखने में कितना फनी है, और इसके कपड़े कैसे हैं। और इसकी नाक कितनी लंबी है। आपने सोचा भी कैसे कि मैं इनसे विवाह करूंगी।

राजा: "बस भी करो, अब राजकुमारी तुम कितने ही नौजवानों की यूं ही बेइज्जती करती रहोगी।

नील को राजकुमारी के मुंह से अपनी बेइज्जती सुनकर बहुत गुस्सा आया। नील कुछ दिनों के लिए शांत रहता है। एक दिन हल्की सी बारिश हो रही थी। नील और शतीस दोनों साथ मिलकर गर्मा-गर्म चाय की चुस्की लेते हुए बारिश के मज़े ले रहे थे। फिर नील महल में जाता है एक सिपाही के रूप में। वह राजकुमारी को बेहोशी की बूटी सुंघाकर उसे बेहोश करके अगवा करके ले जाता है। वह उसे महल थोड़ी दूर नदी के किनारे ले जाता है। जहाँ हल्की बारिश हो रही थी, बारिश की बूंदें राजकुमारी के चेहरे पर गिरती हैं, वह होश में आ जाती है। बारिश रुकने के बाद थोड़ी देर बाद नीलकाश धनुज (इन्द्रधनुष) उत्पन्न हो जाता है। जिसके बाद आकाश में काफी सुंदर नजारा दिखने लगता है। राजकुमारी उसे देखकर बहुत खुश होती है क्योंकि इससे पहले राजकुमारी ने इस सुंदर नज़ारे को कभी नहीं देखा था। तभी राजा अपने कुछ सैनिकों के साथ वहां पर आ जाता है।

राजा: "(सैनिको से) इसे हिरासत में ले लिया जाए, इसने हमारी बेटी को अगवा करने की गुस्ताखी की है।

नील: "मुझे माफ करना मेरे महाराज। मैंने राजकुमारी की शर्त पूरी करने के लिए यह सब किया।

राजकुमारी: "तुमने मेरी शर्त तो पूरी की लेकिन अधूरी। तुम्हें क्या लगता है कि तुम आधी अधूरी शर्त पूरी करोगे और मैं तुमसे विवाह करूंगी, ऐसा बिलकुल नहीं है।

नील: "मैंने आपकी शर्त पूरी की है।

राजकुमारी: "मेरी शर्त यह थी कि जो भी नीलकाश धनुज को हमारे महल में लाएगा, मैं उससे विवाह कर लूंगी।

नील: "राजकुमारी जी, जरा आप इस तालाब में देखें, तालाब में आपके महल की छवि नज़र आ रही है। और उसके और महल के बीचो-बीच नीलकाश धनुज की छवि आ रही है। थोड़ी नीलकाश धनुज आपके महल में ही है।

राजकुमारी: "लेकिन...

नील: "आपने शर्त में यह तो नहीं कहा था कि आप महल में ही होंगी।

राजा: "(राजकुमारी) बात तो यह सही कह रहा है यह नौजवान, काफी बुद्धिमानी से इसने तुम्हारी शर्त पूरी की है।

राजकुमारी: "लेकिन मैं इसे विवाह हरगिज़ नहीं करूंगी।

राजा: "राजकुमारी, आप अपनी बात से मुकर रही हैं। अपनी जुबान से मुकरना यह राज घरानों को शोभा नहीं देता।

राजा राजकुमारी का विवाह नील से करवा देता है। और नील को आधा राज्य सौंप देता है। नील को आधा राज्य मिलने के बाद वह अपने राज्य में सूखे का मसला हल करता है। नदी का लिंक अपने राज्य से जोड़ देता है। जिसकी वजह से उसके राज्य में फिर से हरियाली हो गई। नील ने राजा द्वारा दिए गए राज्य को भी बहुत अच्छे से संभाला।

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