तृण धरी ओट कहती वैदेही डॉ शोभा भारद्वाज कोरोना काल में सभी भयभीत हैं ऐसे में संकट मोचन हनुमान ही सहारा हैं .रावण जगा उसने प्रभात के सूर्य को अपनी लाल आँखों से देखा सबसे पहले कैद में रखी गयी सीता का रुख किया उसके पीछे उसकी रानियाँ उंघती हुई आ रही थी , बगल में मन्दोदरी हीरों से जड़ित सोने के पात्र में