कल शिव बारात में चटक धूप भरी दुपहरी में साबू दाने की खीर और खिचड़ी के साथ ठंडाई के सहारे रास्ते भर ढोल-नगाड़े और डीजे पर बड़े जोर-शोर से बजने वाले शिव भक्ति गीतों में झूमते-झामते मन तरंगित हुआ तो आज फिर लंच के समय ऑफिस में थोड़ा धूम-धमाल करने का अवसर मिला तो हर दिन ऑफिस की एक ही ढर्रे से चलती आ रही उबाऊ-पकाऊ कामकाज से कुछ पल ही सही लेकिन थके-हारे मन को थोड़ा सुकून जरूर मिला। अवसर था हमारी ऑफिस की एक सहकर्मी सखी ज्योति के जन्मदिन का। बहुत समय से ऑफिस में जब भी किसी का जन्मदिन आता है तो वे मुझे ही केक लाने को कहते हैं। केक के बिना जन्मदिन अधूरा रहता है। वे सभी जानते हैं कि मेरे घर से थोड़ी दूरी पर एक महिला घर में केक बनाती है, जो बहुत सुन्दर ढंग से उसे सजाती भी है। इसमें सबसे अच्छी बात यह होती है कि वह केक बड़ा ही स्वादिष्ट और ताजा-ताजा बनाती है, जिसके आगे अच्छे-अच्छे होटल, रेस्टोरेंट के केक फेल दिखते हैं। मैंने कल रात केक आर्डर किया और आज जब ऑफिस ले गई तो लंच के समय सबने मिलकर उससे केक कटवाकर जन्मदिन मनाया। ऑफिस में इसी बहाने घड़ी दो घड़ी आपस में कुछ खट्टी-मीठी बातें भी हुई और हँसी-ठट्टा भी हुआ तो सबका दिल खुश हो गया। लंच का समय समाप्त हुआ तो सभी अपनी-अपनी सीट पर जाकर फाइलों के नीचे दुबक गए। यही तो हर दिन होता है ऑफिस में, जहाँ आते-जाते कभी-कभार एक-दूसरे से सौजन्यपूर्ण भेंट होती है या फिर ऑफिस का कोई काम पड़ा तो तभी एक-दूसरे से मुलाक़ात होती है। ऐसे में मेरा मानना है कि जब कभी ऐसे अवसर यानि किसी का जन्मदिन हो या विवाह की वर्षगांठ यदि हम उसे मिलकर मनाते हैं, तो वह हम सबको एक परिवार की तरह बांधे रखने में अहम् भूमिका निभाते हैं।
शेष फिर .....
तो मौका मिले तो आप भी ऑफिस वाला जन्मदिन मनाना और यह गाना गाना न भूलें ..
हम भी अगर बच्चे होते
नाम हमारा होता "गबलू-बबलू"
खाने को मिलते लड्डू और दुनिया कहती
Happy birthday to you
Happy birthday to you
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