उम्र का एक ऐसा दौर जहां जिंदगी हर रोज बदलती है।
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आज 22 फरवरी, 2017 , आज से हमारी माध्यमिक की परीक्षा शुरू होने वाली है। मैं परीक्षा हॉल में बैठा हुआ हूं और अजीब सी शांति है क्लास में, हर कोई शांत होकर भी लगता है की कोई शांत नहीं है। धड़कने तेज है, स
कहते है “एक पुस्तकालय सौ दोस्तो के बराबर होता है लेकिन एक सच्चा दोस्त सौ पुस्तकालयों के बराबर होता है।" मैं आदर्श मल्होत्रा, कक्षा– 10, स्कूल– डी. ए. वी. का एक मामूली सा छात्र। मेरा अब तक का सबसे अच्छ
कहते है प्यार की कोई उम्र नहीं होती है। लेकिन मेरे मुताबिक अगर “सच्चे प्यार” जैसी कोई चीज है तो वो इसी उम्र में होती है– “सोलह की उम्र।”आपने वो गाना तो जरूर सुना होगा– “सोलह बरस की, बाली उमर को स